चंडीगढ़: धन की हेराफेरी के आरोप में दो प्रिंसिपल समेत चार गिरफ्तार
प्रिंसिपल राकेश गुप्ता और लेक्चरर रामपाल ने मिलकर फंड हड़पने के लिए फर्जी फर्मों के फर्जी बिल तैयार किए। जांच में पाया गया कि सभी ने धन की हेराफेरी की है। अब ब्यूरो ने सभी को गिरफ्तार कर लिया है।
प्रिंसिपल राकेश गुप्ता और लेक्चरर रामपाल ने मिलकर फंड हड़पने के लिए फर्जी फर्मों के फर्जी बिल तैयार किए। जांच में पाया गया कि सभी ने धन की हेराफेरी की है। अब ब्यूरो ने सभी को गिरफ्तार कर लिया है।
पंजाब विजिलेंस ब्यूरो ने मंगलवार को एक सरकारी स्कूल के दो प्रधानाध्यापकों सहित चार लोगों को राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान के तहत मिले 10.01 लाख रुपये के गबन के आरोप में गिरफ्तार किया है। आरोपियों की पहचान राकेश गुप्ता, रामपाल, जतिंदर कुमार और मुकेश महाजन के रूप में हुई है।
राकेश वर्तमान में गुरदासपुर के राजकीय बालिका वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय भगोवाल के प्रधानाचार्य के पद पर पदस्थापित हैं, जबकि रामपाल राजकीय विद्यालय कैथलोर, पठानकोट के प्रधानाध्यापक हैं। जांच में पता चला कि राकेश और रामपाल जब गुरदासपुर स्थित सरकारी सेवा प्रशिक्षण केंद्र में पदस्थापित थे, उस दौरान शिक्षा अभियान के तहत करीब 10 लाख रुपये का अनुदान मिला था। जतिंदर और मुकेश दोनों की मिलीभगत से फंड हड़पने के लिए फर्जी फर्मों के बिल तैयार किए।
आरोपियों ने सरकारी धन को अपने निजी बैंक खातों में स्थानांतरित किया। कृष्णा टेंट हाउस के मालिक जतिंदर कुमार और सिग्मा डेकोरेट नाम की फर्म के मालिक मुकेश महाजन के विरुद्ध भी लुधियाना में मामला दर्ज हुआ है।
आरोपियों ने सरकारी धन को अपने निजी बैंक खातों में स्थानांतरित कर दिया। लुधियाना में कृष्णा टेंट हाउस के मालिक जतिंदर कुमार और सिग्मा डेकोरेट नाम की एक फर्म के मालिक मुकेश महाजन के खिलाफ भी मामला दर्ज किया गया है।
मामले की जांच में पता चला कि सेवाकालीन प्रशिक्षण केंद्र गुरदासपुर को रामसा योजना के तहत अनुदान दिया गया था। उक्त योजना के तहत प्राचार्य राकेश गुप्ता और व्याख्याता रामपाल ने मिलकर धन हड़पने के लिए फर्जी फर्मों के फर्जी बिल तैयार किए। जांच में पाया गया कि सभी ने धन की हेराफेरी की है। अब ब्यूरो ने सभी को गिरफ्तार कर लिया है।