इस बार भारत जी20 समिट की अध्यक्षता कर रहा है। भारत में होने जा रहे जी20 समिट पर दुनिया भर की नजरे टिकी हुई है। वहीं भारत ने जी20 समिट की मेजबानी को अपने तैयारियां तेज कर दी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने संबोधन में जी20 समिट का जिक्र करते रहते है कि भारत के लिए इसका आयोजन कितना महत्वपूर्ण है। जी20 की अध्यक्षता करना भारत के भविष्य के लिए अच्छे परिणाम है और यह भारत के लिए एक शानदार अवसर है।
जी20 समिट को लेकर दिल्ली समेत कई राज्यों में होने वाले आयोजन के मद्देनजर तैयारियां तेजी से चल रही है। दुनिया भर के कई देशों से आने वाले मेहमान और डेलिगेट्स की व्यवस्थाओं का ध्यान रखना सरकार और प्रशासन की बड़ी जिम्मेदारी है। इसी को ध्यान में रखते हुए दिल्ली आने वाले मेहमानों और डेलिगेट्स को चिकित्सा सुविधा अवश्यकता पड़ने पर उन्हें देश के सर्वश्रेष्ठ चिकित्सा संस्थान, अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में इलाज के लिए रेफर किया जाएगा। जहां पर स्पेशल डॉक्टर्स की टीम मौजूद रहेगी।
जी20 देशों के दस हजार डेलिगेट्स होंगे शामिल
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, भारत में होने वाले जी20 समिट में 20 देशों के दस हजार से अधिक डेलिगेट्स भाग लेंगे और करीब 10 दिनों तक वे राजधानी दिल्ली में रहेंगे। इस दौरान उनके खानपान, विश्राम और उनके स्वास्थ्य की बड़ी जिम्मेदारी सरकार और प्रशासन की होगी। विदेशों से आए मेहमानों को चिकित्सा सुविधा की अवश्यकता पड़ने पर एम्स को रेफरल सेंटर बनाया जाएगा। इसके लेकर दिल्ली एम्स ने अभी से अपनी तैयारियां शुरू कर दी है।
विशेष टास्क फोर्स की जाएगी गठित
जी20 समिट में 20 देशों के मेहमानों और डेलिगेट्स के लिए विशेष टास्क फोर्स का गठित की जाएगी। इस टास्क फोर्स में स्पेशल डॉक्टर्स की टीम को शामिल किया जाएगा जो अवश्यकता पर पर डेलिगेट्स के लिए हमेशा तत्पर रहेगी और उन्हें चिकित्सा सुविधा मुहैया कराएंगी। इसके अलावा मेहमानों को गंभीर समस्या होने पर उन्हें आधुनिक चिकित्सा सुविधाओं से लैस एंबुलेंस के माध्यम तुरंत इलाज के लिए एम्स में लाया जाएगा। जहां पर अनुभवी व स्पेशल डॉक्टरों की निगरानी में उनका इलाज किया जाएगा। बता दें कि जी20 समिट के आयोजन और उसे सफल बनाने के लिए सरकार काफी गंभीर है। इसके लिए पिछले साल से ही सम्मेलन की तैयारियों में जुटी हुई है। First Updated : Friday, 24 February 2023