गाजियाबादः निर्माण में अनदेखी का खामियाजा, गिराई जाएगी 19 मंजिला इमारत
आवास विकास परिसद की वसुधरा काॅलोनी में ट्विन टावर जैसी एक अवैध इमारत को विभाग ने नोटिस जारी कर उसे गिराने की चेेतावनी दी है। अगर बिल्डर की ओर से उचित जवाब विभाग को नहीं मिला तो उसे ध्वस्त करने की कार्रवाई की जायेगी। हालांकि बिल्डर ने अपने बचाव में यह कहकर पल्ला झाड़ लिया कि उसने आवास विकास में री कंपाउडिंग के लिए आवेदन किया है।
आवास विकास परिसद की वसुधरा काॅलोनी में ट्विन टावर जैसी एक अवैध इमारत को विभाग ने नोटिस जारी कर उसे गिराने की चेेतावनी दी है। अगर बिल्डर की ओर से उचित जवाब विभाग को नहीं मिला तो उसे ध्वस्त करने की कार्रवाई की जायेगी। हालांकि बिल्डर ने अपने बचाव में यह कहकर पल्ला झाड़ लिया कि उसने आवास विकास में री कंपाउडिंग के लिए आवेदन किया है।
वसुंधरा सेक्टर 13 के प्लाट संख्या जीएच-1 पर मर्लिन सोसायटी का निर्माण डेढ़ दशक पहले 19 मंजिला बिल्डिंग का निर्माण किया गया। इमारत के निर्माण से ही इसके नक्से को लेकर विवाद था। निर्माण के समय सब कुछ ठीक ठाक रहा लेकिन इसके बाद से ही बिल्डर पर अवैध निर्माण का आरोप लगने लगा। बिल्डर ने मानचित्र निर्माण के समय जितने फलैट बनाने का दावा था। निर्माण के समय उसका पालन नहीं किया।
टावर में मानक से अधिक टू बीएचके थ्री बीएचके भवनों का निर्माण किया गया। समय समय पी आवास विकास द्वारा बिल्डर को नोटिस जारी किया लेकिन इस मामले में उचित कार्रवाई नहीं हुई। इस मामले में आवास आयुक्त रणबीर प्रसाद ने बताया कि टृविन टावर के निदेकों को 2015 में नोटिस जारी किया गया था। जिसे कुछ कारणों से निरस्थ कर दिया गया था। कंपनी के निदेशकों द्वारा दोबारा कंपाउंडिंग के लिए आवेदन किया गया है। इस मामले में जनभावना टाइम्स ने कंपनी के निदेशकों से संपर्क करने की कोशिश की गई, लेकिन उनसे संपर्क नहीं हो पाया।
कंपाउंडिंग न होने पर होगा टविन टावर जैसा हाल
इस मामले में एक दिन पूर्व सोसल मीडिया पर इस मर्लिन टावर को गिराये जाने को लेकर खूब चर्चा रही। इस नोटिस में यह बात भी उजागर हुई थी कि मर्लिन टावर का हाल भी टिृवन टावर जैसा होगा। इसे लेकर सोसल मीडिया पर खूब चर्चा हुई। चर्चा में यह बात आयी कि टविन टावर 9 सेकेंड में गिरा था, मर्लिन टावर कितने सेकेंड में गिरेगा।