हरियाणा में भाजपा की ऐतिहासिक जीत के बीच गिरिराज सिंह ने राहुल गांधी को जलेबी के जरिए चिढ़ाया.

केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने हरियाणा चुनाव के नतीजों पर राहुल गांधी पर तंज कसते हुए जलेबी भेजने की बात कही. उन्होंने कांग्रेस की चुनावी हार का मजाक उड़ाते हुए पूछा कि जलेबी कहां भिजवानी है. दरअसल इस बयान के पीछे कांग्रेस के खोखले दावों और भाजपा की लगातार तीसरी बार जीत का संदर्भ है. क्या राहुल गांधी इस मजाक का जवाब देंगे? पूरी कहानी जानने के लिए पढ़ें!

JBT Desk
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Giriraj Singh Funny Taunt On Jalebi: हरियाणा विधानसभा चुनाव के नतीजों ने एक बार फिर राजनीति के रंगीन मंजर को सामने ला दिया है. इस बार केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने कांग्रेस के नेता राहुल गांधी पर चुटकी लेते हुए उन्हें जलेबी भेजने का सुझाव दिया है. यह टिप्पणी हरियाणा के चुनावी नतीजों के संदर्भ में आई है, जिसमें भाजपा ने ऐतिहासिक जीत दर्ज की है.

गिरिराज सिंह ने अपने सोशल मीडिया पोस्ट में कहा, 'मल्लिकार्जुन खरगे, बताइए कि जलेबी कहां भेजूं?' दरअसल उनका यह बयान राहुल गांधी के जलेबी खाने के एक इवेंट से जुड़ा है, जब राहुल ने गोहाना में मातुराम की जलेबी का स्वाद लिया था. उस समय राहुल गांधी ने कहा था कि अगर यह जलेबी देश-विदेश में गई तो यह दुकान एक फैक्ट्री में बदल जाएगी जिससे हजारों लोगों को रोजगार मिलेगा.

कांग्रेस के चुनावी दावे हुए धराशायी

गिरिराज सिंह की इस टिप्पणी में एक तंज छिपा है जो कांग्रेस की चुनावी रणनीतियों और उनके दावों को लेकर है. कांग्रेस ने हरियाणा में जीत का दावा किया था लेकिन चुनावी नतीजों ने उनके सपनों को चूर-चूर कर दिया. भाजपा ने तीसरी बार लगातार जीत हासिल कर एक नई राजनीति का अध्याय लिखा है. यह पहली बार है जब हरियाणा में किसी पार्टी ने लगातार तीन बार विधानसभा चुनाव जीते हैं.

भाजपा का वर्चस्व, कांग्रेस की चुनौतियां

हरियाणा विधानसभा चुनाव के नतीजे यह दर्शाते हैं कि भाजपा ने अपने मजबूत आधार को बनाए रखा है, जबकि कांग्रेस की उम्मीदें धराशायी हो गई हैं. चुनाव प्रचार के दौरान कांग्रेस ने यह दावा किया था कि 10 साल बाद वे हरियाणा में वापसी करने में सफल होंगी लेकिन चुनाव के रुझानों ने उनके दावों को पूरी तरह नकार दिया.

गिरिराज सिंह की टिप्पणी एक बार फिर यह साबित करती है कि चुनावी राजनीति में तंज और चुटकुले एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं. खासकर जब बात विपक्षी दलों की होती है तब इस तरह के बयान चुनावी माहौल को गर्माते हैं.

भविष्य की राजनीति की दिशा

इन नतीजों के बाद देखना होगा कि कांग्रेस अपने अगले कदम कैसे उठाएगी और क्या वह अपनी खोई हुई जमीन को फिर से हासिल कर पाएगी या नहीं. भाजपा के लिए यह जीत केवल एक चुनावी सफलता नहीं है, बल्कि यह उनके लिए एक नई राजनीतिक दिशा में बढ़ने का भी मौका है. 

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08 October 2024, 09:02 PM IST

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