मुंबई: महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों के बीच मुंबई बीजेपी में एक नई हलचल ने माहौल को गरमा दिया है. पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व सांसद गोपाल शेट्टी ने मंगलवार (29 अक्टूबर) को बोरीवली विधानसभा सीट से निर्दलीय चुनाव लड़ने का फैसला किया है. इस कदम से बीजेपी के भीतर असंतोष और बगावत का संदेश जा रहा है, जो चुनावी समीकरणों को प्रभावित कर सकता है.
टिकट नहीं मिलने पर नाराजगी
पिछले लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने गोपाल शेट्टी का टिकट काट दिया था और उनकी जगह केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल को उतारा था, जो बाद में जीतकर सांसद बने. अब बोरीवली विधानसभा सीट के लिए भी पार्टी ने गोपाल शेट्टी को टिकट नहीं दिया, बल्कि संजय उपाध्याय को उम्मीदवार घोषित कर दिया. इस फैसले से शेट्टी और उनके समर्थकों में गहरी नाराजगी देखी जा रही है.
गोपाल शेट्टी ने मीडिया को बताया कि उन्होंने टिकट की मांग नहीं की थी, लेकिन उनके समर्थकों ने उनका नाम सुझाया था. उन्होंने साफ किया कि यह उनकी व्यक्तिगत लड़ाई नहीं है बल्कि यह बोरीवली के स्थानीय मतदाताओं और पार्टी कार्यकर्ताओं के सम्मान की लड़ाई है.
बोरीवली की जनता का सवाल
शेट्टी का कहना है कि बोरीवली सीट पर स्थानीय उम्मीदवार को मौका मिलना चाहिए था. उनका मानना है कि बोरीवली का राजनीतिक और सामाजिक माहौल काफी अलग है और वहां के लोग चाहते हैं कि स्थानीय नेतृत्व को प्रतिनिधित्व मिले. शेट्टी के अनुसार, बोरीवली के मतदाताओं ने उनसे कहा कि पिछले 35 सालों से उन्होंने उनका समर्थन किया है और अब शेट्टी को भी उनके साथ खड़ा होना चाहिए.
उन्होंने अपने बयान में कहा, 'बोरीवली के लोग यह महसूस करते हैं कि यह क्षेत्र भारतीय जनता पार्टी का एक मजबूत गढ़ बन गया है, लेकिन यह केवल सीट जीतने का मुद्दा नहीं है. यह यहां की सांस्कृतिक और राजनीतिक विरासत से जुड़ा सवाल है.'
अंदरूनी संघर्ष से बीजेपी को नुकसान का अंदेशा
गोपाल शेट्टी का निर्दलीय चुनाव लड़ने का फैसला पार्टी के शीर्ष नेताओं के लिए चिंता का विषय बन सकता है. केंद्रीय नेताओं पीयूष गोयल, भूपेंद्र यादव और देवेंद्र फडणवीस द्वारा लिए गए फैसलों पर सवाल उठाने के साथ ही यह भी स्पष्ट कर दिया गया है कि पार्टी में हर जगह मतभेद हैं. बीजेपी के लिए यह बगावत कठिनाई पैदा कर सकती है, खासकर तब जब पार्टी एकजुट होकर चुनाव लड़ने की कोशिश में है.
चुनाव में क्या होगा शेट्टी के निर्दलीय दांव का असर?
इस बगावत से बीजेपी की जीत की संभावनाओं पर असर पड़ सकता है. गोपाल शेट्टी का यह कदम ना सिर्फ बोरीवली के चुनावी समीकरणों को बदल सकता है, बल्कि पूरे मुंबई में बीजेपी को नए संकट का सामना करना पड़ सकता है. अब यह देखना दिलचस्प होगा कि शेट्टी का यह निर्णय उनके राजनीतिक भविष्य को कैसे प्रभावित करता है और बीजेपी को क्या नए रास्ते तलाशने होंगे. First Updated : Monday, 28 October 2024