MadhyaPradesh: मध्य प्रदेश में मुख्यमंत्री मोहन यादव की सरकार ने भ्रष्टाचार के खिलाफ कड़ा कदम उठाया है। हाल ही में एक मामले में भ्रष्टाचार से जुड़ी कार्रवाई की खबरें आई थीं, जब मध्य प्रदेश परिवहन विभाग के आरक्षक सौरभ शर्मा का नाम सामने आया था। इस मामले ने मुख्यमंत्री मोहन यादव को भ्रष्टाचार के खिलाफ सख्त कदम उठाने के लिए प्रेरित किया।
क्या है नया आदेश?
मुख्यमंत्री मोहन यादव ने सभी सरकारी कर्मचारियों को एक आदेश दिया है, जिसके तहत उन्हें अपनी संपत्ति का पूरा ब्योरा जनवरी के अंत तक देने का निर्देश दिया गया है। इसमें चल और अचल संपत्ति दोनों का विवरण देना होगा। इस आदेश का पालन न करने वाले कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
क्यों आया यह फरमान?
यह कदम सौरभ शर्मा जैसे मामलों के बाद उठाया गया है, जहां लोकायुक्त और इनकम टैक्स जैसी एजेंसियों की कार्रवाई में कई सरकारी कर्मचारियों के भ्रष्टाचार के मामले सामने आए। आश्चर्यजनक बात यह है कि ये सभी कर्मचारी उच्च पदों पर नहीं थे, बल्कि सामान्य सरकारी कर्मचारी थे।
कांग्रेस का आरोप
मगर इस आदेश पर कांग्रेस ने विरोध जताया है। कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी ने आरोप लगाया कि यह सब मोहन यादव सरकार का दिखावा है। उनका कहना है कि अगर सरकार वाकई भ्रष्टाचार के खिलाफ सख्त कार्रवाई करना चाहती है, तो कई ऐसे मामले हैं जिन पर लोकायुक्त कार्रवाई करना चाहता है, लेकिन मोहन यादव सरकार ने उन्हें रोक रखा है।
क्या है बीजेपी का पक्ष?
बीजेपी के नेता इस कदम को मुख्यमंत्री मोहन यादव की भ्रष्टाचार के खिलाफ ‘जीरो टॉलरेंस नीति’ का हिस्सा मानते हैं। उनका कहना है कि यह कदम भ्रष्टाचार पर कड़ी नजर रखने और सरकारी कर्मचारियों को पारदर्शिता का पालन करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है। यह देखा जाएगा कि इस कदम से भ्रष्टाचार पर कितनी रोक लगती है, लेकिन मध्य प्रदेश की राजनीति में यह एक बड़ा संदेश देने वाला कदम माना जा रहा है। First Updated : Wednesday, 08 January 2025