पशुपालक सरकार के खिलाफ लड़ने के मूड में हैं। विधानसभा का सत्र अगले 22 और 23 सितंबर को हो सकता है। इस विधानसभा सत्र के दौरान या एक दिन पहले पूरे गुजरात से करीब एक लाख माल व्यापारी गांधीनगर आएंगे।
आवारा पशुओं के मामले में सरकार की ओर से की जा रही सख्त कार्रवाई व मवेशियों को पकड़ने के अभियान से मालधारी समाज परेशान है. मालधारी समाज के कई मुद्दे हैं जैसे आवारा पशु नियंत्रण अधिनियम, गौचर भूमि पर दबाव कम करना और मवेशियों को पशुशाला से हटाना। इसे रद्द करने के लिए राज्य सरकार द्वारा मवेशी नियंत्रण अधिनियम लाया गया है और अब पशुपालक सरकार के खिलाफ लड़ने के मूड में हैं। विधानसभा का सत्र अगले 22 और 23 सितंबर को हो सकता है। इस विधानसभा सत्र के दौरान या एक दिन पहले पूरे गुजरात से करीब एक लाख माल व्यापारी गांधीनगर आएंगे।
साधु संतोस और मालधारी समाज के नेताओं ने बैठक में चर्चा की कि बीजेपी आए या कांग्रेस या आम आदमी पार्टी, हम यह भी बताएंगे कि जो कोई भी मालधारी समाज की समस्याओं का समाधान लिखित में करेगा, समाज उनके साथ खड़ा रहेगा किसी भी दल से लिखित वादा लिया जाए कि वे मालधारी समाज की समस्याओं का समाधान करेंगे। साथ ही मालधारी समाज के पांच लोगों को चुनावी टिकट दिया जाए। भौतिकवादी समाज का प्रयोग आज तक केवल राजनीति में ही होता रहा है। लेकिन उनकी समस्याओं का समाधान नहीं किया गया है। समाज का किसी भी दल से कोई लेना-देना नहीं है कि मालधारी समाज का नेता है, लेकिन जब मालधारी समाज का सवाल है, तो पक्षपात छोड़ एक हो जाओ।
अहमदाबाद में हुई बैठक में मालधारी समाज साधुओं और नेताओं की बैठक में सुरेंद्रनगर दुधरेज के वडवाला मंदिर के महंत पी.पी. 1008 महामंडलेश्वर कनीराम बापू, भारवाड़ समाज के महंत घनश्यामपुरी बापू, वलीनाथ मंदिर के जयरामगिरी बापू, देवभगत और मालधारी नेता लालजीभाई देसाई, लालजीभाई देसाई देसाई, लांभा वार्ड से निर्दलीय, पार्षद कालाभाई भरवाड़, विक्रमभाई भुवाजी सहित नेता मौजूद थे First Updated : Tuesday, 06 September 2022