ग्वालियर मेडिकल कॉलेज की लेडी डॉक्टर की संदिग्ध मौत, हॉस्टल में फंदे से लटका मिला शव

ग्वालियर के जीआरएमसी मेडिकल कॉलेज में डीएम कर रही 31 साल की डॉक्टर रेखा रघुवंशी का शव हॉस्टल के कमरे में फंदे से लटका मिला. पुलिस को कोई सुसाइड नोट नहीं मिला जिससे मौत की वजह रहस्यमयी बनी हुई है. परिवार भी सदमे में है क्योंकि कुछ दिन पहले तक सब कुछ सामान्य था. पुलिस ने जांच शुरू कर दी है और कई अहम सुराग जुटाए हैं. आखिर एक होनहार डॉक्टर ने ऐसा कदम क्यों उठाया? जानिए पूरी खबर...

Aprajita
Edited By: Aprajita

MadhyaPradesh: ग्वालियर के गजरा राजा मेडिकल कॉलेज (जीआरएमसी) में डॉक्टरेट इन मेडिसिन (डीएम) की पढ़ाई कर रही 31 वर्षीय महिला डॉक्टर ने हॉस्टल में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली. यह घटना शनिवार देर रात सामने आई, जब हॉस्टल में रहने वाली अन्य छात्राओं ने पुलिस को सूचना दी. मौके पर पहुंची पुलिस को कोई सुसाइड नोट नहीं मिला जिससे आत्महत्या की वजह साफ नहीं हो पाई है.

कैसे हुआ इस दर्दनाक घटना का खुलासा?

कंपू थाना प्रभारी रुद्र पाठा ने बताया कि डॉक्टर रेखा रघुवंशी, जो न्यूरोलॉजी में डीएम कर रही थीं, शनिवार रात अपने कमरे में फंदे से लटकी हुई पाई गईं. जब वह देर रात तक अपने कमरे से बाहर नहीं आईं, तो कुछ साथियों को शक हुआ और उन्होंने हॉस्टल प्रशासन को जानकारी दी. इसके बाद पुलिस को बुलाया गया. 

परिवार सदमे में, नहीं था कोई संकेत

डॉ. रेखा रघुवंशी मध्य प्रदेश के अशोकनगर जिले की रहने वाली थीं. उनके भाई रोहित रघुवंशी ने बताया कि दो दिन पहले उनकी बहन से फोन पर बात हुई थी, लेकिन उन्होंने किसी भी तरह की परेशानी का जिक्र नहीं किया था. शनिवार को भी वह सामान्य रूप से काम कर रही थीं, लेकिन रात में यह हादसा हो गया. उन्होंने कहा, "हमें यकीन नहीं हो रहा कि उसने ऐसा कदम उठाया. वह डीएम डिग्री के दूसरे वर्ष में थी और हमेशा पढ़ाई में व्यस्त रहती थी."

पुलिस की जांच जारी, मोबाइल फोन जब्त

पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है और उनके कमरे की जांच की जा रही है. डॉक्टर रेखा का मोबाइल फोन पुलिस ने जब्त कर लिया है ताकि यह पता लगाया जा सके कि उनकी किसी से आखिरी बार क्या बातचीत हुई थी और क्या कोई मानसिक तनाव की वजह थी. फोरेंसिक टीम ने भी घटनास्थल से जरूरी सबूत इकट्ठा किए हैं.

भोपाल में भी हुई थी ऐसी ही घटना

गौरतलब है कि इसी महीने के पहले हफ्ते में भोपाल में भी एक डॉक्टर और उनकी बेटी की मौत की खबर सामने आई थी. डॉक्टर हरि कृष्ण शर्मा और उनकी बेटी चित्रा शर्मा के शव उनके घर में मिले थे. डॉक्टर का शव फांसी के फंदे से लटका मिला, जबकि उनकी बेटी का शव दूसरे कमरे में था. पुलिस को वहां से एक सुसाइड नोट मिला था, जिसमें गंभीर बीमारी और मानसिक तनाव की बात लिखी हुई थी.

क्या मानसिक तनाव है कारण?

मेडिकल फील्ड में लगातार बढ़ते तनाव और मानसिक दबाव की वजह से आत्महत्या के मामले बढ़ रहे हैं. डॉक्टरों को पढ़ाई के दौरान और काम के दौरान अत्यधिक दबाव का सामना करना पड़ता है, जिससे कई बार वे अवसाद में चले जाते हैं. इस मामले में भी पुलिस हर एंगल से जांच कर रही है कि कहीं कोई व्यक्तिगत, पारिवारिक या पेशेवर तनाव तो नहीं था.

डॉ. रेखा रघुवंशी की आत्महत्या ने एक बार फिर मेडिकल छात्रों और प्रोफेशनल्स के मानसिक स्वास्थ्य पर सवाल खड़े कर दिए हैं. यह घटना एक गंभीर मुद्दे की ओर इशारा करती है कि मेडिकल फील्ड में काम करने वाले लोगों के मानसिक स्वास्थ्य पर ध्यान देने की जरूरत है. पुलिस इस मामले की जांच कर रही है लेकिन यह सवाल बना हुआ है कि आखिर एक होनहार डॉक्टर ने ऐसा खौफनाक कदम क्यों उठाया?

calender
30 March 2025, 10:49 PM IST

जरूरी खबरें

ट्रेंडिंग गैलरी

ट्रेंडिंग वीडियो