क्या वाकई शाहजहां ने कटवा दिए थे ताजमहल के कारीगरों के हाथ? जानें इससे जुड़े कुछ राज
Mystery of Taj Mahal: ताजमहल को लेकर कई अफवाहें लोगों के बीच चर्चा का विषय रही हैं. लोगों का मानना है कि ताजमहल का काम पूरा हो जाने के बाद शाहजहां ने ताजमहल के कारिगरों और मजदूरों के हाथ कटवा दिए थे ताकि वे भविष्य में ऐसी कोई इमारत न बनवा सके. आइए जानते हैं कि ये अफवाह कितनी सच है.
Mystery of Taj Mahal: ताजमहल, जिसे 'प्यार का प्रतीक' कहा जाता है, न सिर्फ अपनी अद्भुत वास्तुकला के लिए जाना जाता है बल्कि इसके निर्माण को लेकर कई कहानियां और मिथक भी प्रचलित हैं. मुमताज महल की याद में शाहजहां द्वारा बनवाए गए इस मकबरे को लेकर लोग आज भी कई सवाल उठाते हैं.
इनमें सबसे चर्चित सवाल यह है कि क्या शाहजहां ने ताजमहल के कारीगरों के हाथ कटवा दिए थे ताकि ऐसी इमारत दोबारा न बन सके. इतिहासकारों के अनुसार, इस दावे में सच्चाई नहीं है. बल्कि इसके पीछे कई मिथक और अफवाहें हैं.
कैसे बना था ताजमहल?
ताजमहल के निर्माण में 20,000 मजदूरों और दुनियाभर के वास्तुशास्त्रियों का योगदान था. बगदाद से पत्थरों पर अक्षर तराशने वाले, बुखारा से फूलों की नक्काशी करने वाले, और तुर्की व समरकंद के दक्ष कारीगरों ने मिलकर इसे तैयार किया. इसका निर्माण 22 वर्षों में पूरा हुआ और इसे सफेद संगमरमर से बनाया गया है.
शाहजहां ने कटवाए थे कारीगरों के हाथ?
इतिहासकारों के अनुसार, शाहजहां ने ताजमहल बनाने वाले कारीगरों के हाथ नहीं कटवाए थे. इसके बजाय, उन्हें ताउम्र वेतन देकर यह वादा लिया गया था कि वे कभी किसी और के लिए काम नहीं करेंगे.
बनने वाला था काला ताजमहल?
इतिहास में ऐसी किसी योजना का उल्लेख नहीं है. काले ताजमहल और पुल बनाने की कहानी केवल गढ़ी गई अफवाह है.
यमुना नदी में डूब गया था ताजमहल?
एएसआई के रिकॉर्ड के अनुसार, ताजमहल कभी भी यमुना नदी में नहीं डूबा और इसमें विशाल दरारें भी नहीं आईं.
ताजमहल एक शिव मंदिर था?
आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया (एएसआई) के अनुसार, ताजमहल के शिव मंदिर होने के कोई सबूत नहीं हैं. यह मकबरा शाहजहां ने मुमताज महल की याद में बनवाया था.
ताजमहल का रंग बदलता है?
ताजमहल का रंग नहीं बदलता. यह केवल सूरज की रोशनी और समय के अनुसार अलग-अलग दिखाई देता है. जैसे, सुबह यह गुलाबी, दोपहर में सफेद और शाम को सुनहरे रंग का प्रतीत होता है.