परिवारवाद में उलझी कांग्रेस को फिर मिलेगी हरियाणा में हार? सत्ता में वापसी के लिए BJP ने बनाया मास्टर प्लान
Haryana Assembly Election 2024: हरियाणा में विधानसभा चुनाव का बिगुल बज चुका है. चुनाव के लिए पार्टियों ने उम्मीदवार के नामों का ऐलान कर दिया है. सभी 90 सीटों पर 5 अक्टूबर को मतदान होना है. इस बीच भाजपा हरियाणा में अपनी सरकार बनाने को लेकर दावा कर रही है. वहीं कांग्रेस को लेकर कहा जा रहा है कि शायद ही हरियाणा की सत्ता में कांग्रेस की वापसी होगी.
Haryana Assembly Elections: हरियाणा में विधानसभा के लिए 5 अक्टूबर को चुनाव होने वाले हैं. चुनाव को लेकर सभी पार्टियों ने अपने उम्मीदवारों की लिस्ट जारी कर दी है. नामांकन की प्रक्रिया भी समाप्त हो चुकी है अब बस चुनाव होने का इंतजार है. हरियाणा चुनाव को लेकर पहले कयास लगाया जा रहा था कि कांग्रेस सत्ता में आ सकती है लेकिन टिकट बंटवारे के बाद से कहा जा रहा है कि भाजपा लगातार तीसरी बार सत्ता में आएगी. कांग्रेस की हारने की वजह परिवारवाद बताया जा रहा है.
कांग्रेस ने हरियाणा चुनाव के लिए पहली सूची में 32 उम्मीदवारों की घोषणा की थी जिनमें से 28 मौजूदा विधायक हैं. सूत्रों से पता चला है कि पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा के गुट को 28 टिकट मिले, जबकि कुमारी शैलजा के गुट को सिर्फ चार टिकट मिले. यह सिलसिला बाद की सूचियों में भी जारी रहा. ऐसे में कहा जा रहा है कि कहीं न कहीं कांग्रेस परिवारवाद में उलझ गई है.
हरियाणा में कांग्रेस की वापसी की संभावना कम
हरियाणा विधानसभा चुनाव 2024 से पहले तमाम ग्राउंड रिपोर्ट, राजनीति के जानकारों के अनुमान और ओपिनियन पोल के नतीजे सामने आ रहे हैं. हर कोई यही कहते दिख रहा है कि इस बार भी हरियाणा के सत्ता में कांग्रेस की वापसी संभव नहीं है. राजनीतिक विशेषज्ञों का कहना है कि परिवारवाद कांग्रेस का पीछा नहीं छोड़ रहा. हर जगह कांग्रेस में परिवारवाद हावी होते हुए दिखाई दे रहा है. राजनीतिक विशेषज्ञों ने इसकी पीछे की वजह टिकट वितरण में सिरसा सांसद व दलित नेता कुमारी शैलजा से ज्यादा हुड्डा परिवार को तरजीह मिलना बताया है.
परिवारवाद में उलझी कांग्रेस
1. हरियाणा विधानसभा चुनाव 2024 में परिवारवाद कांग्रेस पर हावी पर रही है. कांग्रेस ने टिकट बांटने में परंपरागत फॉर्मूला अपनाते हुए सक्रिय नेताओं के परिवारजनों को 22 सीटों पर टिकट दिया है.
2. कांग्रेस ने राज्यसभा सांसद रणदीप सुरजेवाला के बेटे आदित्य सुरजेवाला को कैथल से टिकट दिया है. सांसद वरुण चौधरी की पत्नी पूजा चौधरी को मुलाना (एससी) सीट से उम्मीदवार बनाया है. पूर्व मंत्री के बेटे मनदीप सिंह को पिहोवा सीट से मैदान में उतारा है.
3. हालांकि, भाजपा भी इसमें पीछे नहीं है. अक्सर परिवारवाद को लेकर कांग्रेस को कोसने वाली भाजपा की 11 सीटों पर परिवारवाद हावी हो सकता है. इनमें अहीरवाल में सांसद राव इंद्रजीत की बेटी व पूर्व सीएम भजनलाल के पोते आदमपुर विधायक भव्य बिश्नोई समेत कई नाम हैं.
हरियाणा में जीत के लिए भाजपा ने बनाया मास्टर प्लान
हरियाणा चुनाव में भाजपा अपनी जीत का परचम लहराने के लिए मास्टर प्लान बनाया हुआ है. दरअसल, भाजपा -कांग्रेस उम्मीदवारों की सूची जारी होने के तुरंत बाद उम्मीदवारों में बगावत दिखी. कई नेता पार्टी छोड़ गए तो कइयों ने निर्दलीय ताल ठोक दी. हालांकि भाजपा बागियों को मनाने कामयाब हो गई. भाजपा ने जब पहली लिस्ट जारी की तो कई उम्मीदवारों ने आपत्ति जताई. मगर आखिरी लिस्ट में भाजपा ने अपने विधायकों को शांत कर लिया और मना लिया. हालांकि कांग्रेस अभी भी बगावत से जूझ रही है.