Haryana Assembly Elections: आखिर क्यों BJP के खिलाफ हुईं भारत की सबसे अमीर महिला सावित्री जिंदल निर्दली लड़ेंगी चुनाव

Haryana Assembly Elections: भारत की सबसे अमीर महिला और ओपी जिंदल समूह की चेयरपर्सन सावित्री जिंदल ने हरियाणा  में निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ने का फैसला लिया है. इस दौरान उन्होंने हिसार सीट से अपना नामांकन पत्र दाखिल कर दिया है. सावित्री ने यह कदम सत्तारूढ़ भाजपा द्वारा उन्हें टिकट देने से इनकार करने और अपने मंत्री कमल गुप्ता को हिसार से मैदान में उतारने के बाद उठाया है. 

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Haryana Assembly Elections: हरियाणा विधानसभा चुनाव को लेकर सभी राजनीतिक दलों के बीच हलचल तेज हो गई है. इस बीच भारत की सबसे अमीर महिला और ओपी जिंदल समूह की चेयरपर्सन सावित्री जिंदल (74) ने राज्य  में निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ने के लिए हिसार सीट से अपना नामांकन पत्र दाखिल किया है. सावित्री ने यह कदम सत्तारूढ़ भाजपा द्वारा उन्हें टिकट देने से इनकार करने और अपने मंत्री कमल गुप्ता को हिसार से मैदान में उतारने के बाद उठाया है. सावित्री ने कहा, 'हिसार जो मेरा परिवार है, कह रहा है कि चुनाव लड़ना होगा. मुझे उनकी इच्छाओं का पालन करना होगा. मैं 'नहीं' नहीं कह सकती.  उनकी भावनाओं का सम्मान करने के लिए, मैं निश्चित रूप से चुनाव लडूंगी.'

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार,  कांग्रेस की पूर्व विधायक ने यह कदम अपने समर्थकों को शांत करने के लिए उठाया, जो भाजपा द्वारा उन्हें सीट देने से इनकार किए जाने के बाद नाराज थे. जब उनसे पूछा गया कि क्या उन्होंने अपनी पार्टी के खिलाफ बगावत की है, तो उन्होंने दावा किया कि वह कभी आधिकारिक तौर पर भाजपा में शामिल नहीं हुईं.  उनके बेटे नवीन जिंदल वर्तमान में कुरुक्षेत्र लोकसभा क्षेत्र से भाजपा सांसद हैं.  नवीन ने 2024 के आम चुनावों से पहले कांग्रेस छोड़ दी थी और बीजेपी में  शामिल हो गए थे.  कुछ दिनों बाद, सावित्री अपने बेटे के साथ पार्टी में शामिल हो गईं थी. 

निर्दली चुनाव लड़ने पर क्या बोलीं सावित्री जिंदल?

इस बीच उन्होंने दावा किया कि उन्होंने अपने बेटे के साथ अपनी योजनाओं पर चर्चा नहीं की और सिर्फ़ वही कर रही हैं जो हिसार के लोग उनसे अपने आखिरी चुनावी मुकाबले में चाहते हैं.  उन्होंने कहा, 'मैं पिछले 20 सालों से जनता की सेवा करने के लिए उनके बीच रही हूं.  मुझे जनता की सेवा करने का एक मौका दिया जाना चाहिए.  वैसे भी यह मेरा आखिरी चुनाव है.  मैं हिसार की जनता के अधूरे कामों को पूरा करना चाहती हूं. '

क्या है सावित्री जिंदल का राजनीतिक करियर?

फोर्ब्स की शीर्ष 10 सबसे अमीर भारतीयों की सूची में एकमात्र महिला होने के नाते, सावित्री ने अपने पति और जिंदल समूह के संस्थापक ओपी जिंदल की मृत्यु के बाद राजनीति में प्रवेश किया. 2005 में हिसार से उपचुनाव जीतने के बाद, उन्होंने भूपिंदर सिंह हुड्डा के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार के तहत नौ साल तक मंत्री के रूप में कार्य किया, लेकिन 2014 में मौजूदा राज्य मंत्री और भाजपा उम्मीदवार कमल गुप्ता से विधानसभा चुनाव हार गईं. 

'कांग्रेस से कभी नहीं दिया इस्तीफा'

अरबपति महिला ने दावा किया कि उन्होंने कांग्रेस से इस्तीफा नहीं दिया है और किसी अन्य पार्टी से उनकी कोई बातचीत नहीं हुई है. उन्होंने हुड्डा के साथ अच्छे संबंध होने का दावा करते हुए कहा, 'वह मेरे बड़े भाई हैं. जब मैं राजनीति में आई थी, तब मैं नई थी. शुरू से ही उन्होंने मुझे सब कुछ सिखाया है.' सावित्री ने अपने नामांकन पत्र में 270.66 करोड़ रुपये की संपत्ति घोषित की है , जो 2014 के विधानसभा चुनावों के दौरान घोषित 113 करोड़ रुपये से 200% अधिक है. 

First Updated : Thursday, 12 September 2024