हरियाणा फुटबॉल एसोसिएशन के हरियाणा भर से आए पदाधिकारियों ने अंबाला के फोनिक्स क्लब में की बैठक
हरियाणा फुटबॉल एसोसिएशन के हरियाणा भर से आए पदाधिकारियों ने अंबाला के फोनिक्स क्लब में एक बैठक की। जिसमें हरियाणा फुटबॉल एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष सूरजपाल अम्मू द्वारा लगाए गए भ्रष्टाचार के आरोपों पर निर्णय लिया गया
संबाददाता: राजीव मेहता (हरियाणा)
अंबाला: हरियाणा फुटबॉल एसोसिएशन के हरियाणा भर से आए पदाधिकारियों ने अंबाला के फोनिक्स क्लब में एक बैठक की। जिसमें हरियाणा फुटबॉल एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष सूरजपाल अम्मू द्वारा लगाए गए भ्रष्टाचार के आरोपों पर निर्णय लिया गया।
इस अवसर पर हरियाणा फुटबॉल एसोसिएशन के जरनल सेक्रेटरी ललित चौधरी ने सूरजपाल अम्मू द्वारा हरियाणा फुटबॉल एसोसिएशन के अकाउंट में गड़बड़ी के लगाए गए आरोपों पर सफाई देते हुए कहा कि, सूरजपाल अम्मू द्वारा लगाए गए सभी आरोप बेबुनियाद हैं, जबकि उन्होंने ही एक फर्जी तरीके से गुड़गांव में बिना किसी मंजूरी के हरियाणा फुटबॉल एसोसिएशन के नाम पर अकाउंट खोल रखा है।
उल्लेखनीय है कि हाल ही मे हरियाणा फुटबॉल एसोसिएशन के प्रधान सूरजपाल अम्मू ने गुरुग्राम मे एक मीटिंग कर महासचिव ललित चौधरी व दो अन्य पदाधिकारियों पर लाखों रूपए के गबन का आरोप लगाकर उन्हें एसोसिशन के पद से हटाने का एलान किया था।
उसी को लेकर आज अंबाला मे हरियाणा के सभी जिलों से आए पदाधिकारियो ने ललित चौधरी को अपना समर्थन दिया। पत्रकारों को जानकारी देते हुए ललित चौधरी ने बताया कि पिछले दिनों हरियाणा फुटबॉल एसोसिएशन के पूर्व प्रधान सूरजपाल अम्मू ने मुझ पर और मेरे दो साथियों पर इल्जाम लगाया कि हमने अंबाला में हरियाणा फुटबॉल एसोसिएशन के नाम पर बैंक ऑफ बड़ौदा में एक जाली अकाउंट खोल रखा है और 51 लाख रूपये का गबन किया है।
यह आरोप बिल्कुल निराधार है जबकि 2018 में खाता खुला बकायदा इसके लिए गु़डगांव में एक जनरल बॉडी की मीटिंग हुई थी। इस मीटिंग में हमारे पूर्व प्रदेश अध्यक्ष सूरजपाल अम्मू भी उपस्थित थे। उन्होंने भी इस मीटिंग में भाग लिया था व रजिस्टर में उनके सिग्नेचर भी है। बैठक में सर्वसम्मति से फैसला लिया गया था कि क्योंकि अंबाला में नेशनल फुटबॉल चैंपियनशिप होने वाली है। इसलिए सुविधा के लिए अंबाला में ही बैंक का अकाउंट खोल दिया जाए।
जिसके लिए मैं और दो अन्य जॉइंट सेक्रेटरी अरविंद शर्मा और रमन यह तीनों साइनिंग अथॉरिटी थे। उन्होंने कहा कि सूरजपाल अम्मू ने 28 तारीख को जॉइंट सेक्रेटरी सेफाली नागर ने अपने आपको ऑर्गेनाइजिंग सेक्रेटरी बता कर एक बैठक रख दी। जोकि बिल्कुल इल्लीगल थी। जिसमें नौ व्यक्ति गुड़गांव में पहुंचे और उन्होंने मुझे जर्नल सेक्रेटरी के पद से बर्खास्त कर दिया , जबकि 9 व्यक्तियों में से चार या पांच व्यक्ति ऐसे हैं, जो फुटबॉल एसोसिएशन के सदस्य ही नहीं है।
उनके द्वारा लिया गया फैसला बिल्कुल गैरकनूनी है। इसके लिए मैंने उनको नोटिस भी सर्व कराया है कि वह किस हैसियत से इस मीटिंग में भाग ले सकते हैं और कोई फैसला ले सकते हैं। उन्होंने कहा कि सूरजपाल अम्मू बिना डिजर्विंग बच्चों को भी सेलेक्ट करने के लिए प्रेशर डालते थे।
तब मैंने सूरजपाल अम्मू से पूछा कि आपने गुरुग्राम में हरियाणा फुटबॉल एसोसिएशन के नाम पर अकाउंट खोल रखा है। तो इसी बात को लेकर उन्होंने तरह-तरह के इल्जाम लगाने शुरू कर दिए हैं। उन्होंने कहा कि सूरजपाल अम्मू ने हमें 5 साल से क्यों नहीं बताया कि गुरुग्राम कोई एसोसिएशन का अकाउंट है और मैं यह जांच कराना चाहता हूं कि यह अकाउंट एसोसिएशन की मीटिंग हुए बिना रेसुलेशन पास किए हुए कैसे खुला और किसने खुलवाया।
जिसके लिए मैंने हरियाणा के रजिस्ट्रार को लिख दिया है कि यह अकाउंट किसके कहने पर खुला है। इन्होंने 5 सालों में कोई भी फुटबॉल एसोसिएशन को कोई भी योगदान नहीं दिया। ऑल इंडिया के अंदर सिर्फ मेरी ही वोट बनी हुई है, जिसके लिए इन्हें आपत्ति रही और इन्होंने कोशिश भी की थी कि मेरी वोट कैंसिल हो जाए। परंतु यह कैंसिल नहीं करवा पाए। मैंने सूरजपाल अम्मू के खिलाफ मान हानि का दावा भी पेश किया है।