हर तरफ चीख-पुकार, बिखरीं लाशें, दर्दनाक मौतों पर उठ रहे हैं ये सवाल, कौन देगा जवाब?
Hathras incident: हाथरस की घटना को लेकर राज्यस रकार से लेकर सत्संग के कार्यक्रम व्यवस्था पर सवाल उठाए जा रहे हैं. यूपी के हाथरस से जो तस्वीरें सामने आ रही हैं वो दिल को झकझोर कर देने वाली हैं. एक धार्मिक आयोजन में इस तरह भगदड़ मचना प्रशासन की लापरवाही भी बताई जा रही है. हर तरफ मौत ही मौत देखने के बाद लोगों का कहना है कि, ऐसी घटनाएं अक्सर होती हैं लेकिन ढोंगी बाबाओं पर कोई एक्शन नहीं लिया जात है.
Hathras Incident: उत्तर प्रदेश के हाथरस जिले में सिंकरदराराऊ इलाके में मंगलवार को आयोजित सत्संग कार्यक्रम में भगदड़ मचने से कम से कम सवा सौ से लोगों की मौत हो चुकी है. इस हादसे में कई लोग लापता हैं जिन्हें खोजा जा रहा है. हादसे के बाद जिला प्रशासन की ओर से हेल्पलाइन नंबर 05722227041 और 05722227042) भी जारी किए गए हैं. इस बीच सोशल मीडिया पर इस घटना को लेकर सरकार से लेकर बाबा के सत्संग को लेकर कई तरह के सवाल उठाए जा रहे हैं. लोग वीडियो पोस्ट कर बाब के खिलाफ एक्शन लेने की मांग कर रहे हैं.
हाथरस घटना की जो तस्वीरे सामने आ रही है वो दिल को झकझोर देने वाली है. यह घटना कई सवालों से भरी है जिसमें दर्द, पीड़ा और बदइंतजामी है. इतनी भारी संख्या में लोगों का इक्कठा और प्रशासन को इजाजत देने से लेकर सत्संग के अव्यवस्था पर भी सवाल उठ रहे हैं. हर तरफ लाशे देखकर लोग सवाल उठा रहे हैं कि, इस दर्दनाक मौतों का जिम्मेदार कौन है? तो चलिए इन तमाम सवालों का जवाब जानते हैं.
हाथरस से बहुत बड़ी घटना की खबर आ रही हे
— Samira (@Logical_Girll) July 2, 2024
भगदड़ में कुछ लोगो की जान चली गई है।
दोषियों को सख्त सजा मिलनी चाहिए
भगवान उनकी आत्मा को शांति दे 🙏#hathras #हाथरसpic.twitter.com/eTGFPowsOJ
किस बाबा के सत्संग के दौरान हुई घटना?
यह घटना उत्तर प्रदेश के हाथरस जीले की है. यहां 2 जुलाई फुलरई गांव में एक सत्संग का आयोजन किया गया था. जिस बाबा का सत्संग चल रहा था उनका नाम भोले बाबा है. इन्हें नारायण साकार हरि के नाम से भी जाना जाता है ये एटा जिले बहादुर नगरी गांव के रहने वाले हैं. जानकारी के मुताबिक ये बाब अक्सर अपने धार्मिक कार्यक्रम में भक्तों से कहते हैं कि वो पहले पुलिस के इंटेलिजेंस यूनिट में रह चुके हैं. मंगलवार को हाथरस में सत्संग का आयोजन किया गया था जिसमें करीब 50 हजार लोग पहुंचे थे. इस सत्संग कार्यक्रम की परमिशन जिला प्रशासन ने दी थी लेकिन प्रशासन ने जितने लोगों के शामिल होने की बात कही थी उससे कहीं ज्यादा लोग हाथरस पहुंचे थे.
सत्संग के दौरान कैसे मची भगदड़?
जानकारी के मुताबिक, जिस जगह इस सत्संग का आयोजन किया गया था वह जगह खुली थी. जब सत्संग खत्म हो गया और बाबा मंच से उतर कर जाने लगे तो लोग भी तुरंत वहां से निकलने लगे. जिस गेट से लोग निकल रहे थे वो गेट छोटा था ऐसे में एक साथ हजारों लोगों को निकलने से भगदड़ मच गई. लोग एक दूसरे पर गिर गए गर्मी इतनी थी कि लोग बेहोश होने लगे और हालत बिगड़ते चले गए. इस घटना के बाद से बाबा का कोई अता पता नहीं है न ही उन्होंने इस घटना पर अपनी प्रतिक्रिया दी है. पुलिस प्रशासन सत्संग के आयोजन करने वाले लोगों को ढूंढ रही है.
सरकार को बाबा का इलाज जरूर करना चाहिए?
— निशान्त शर्मा (भारद्वाज) (@Nishantjournali) July 2, 2024
इस तरह के काफिले और सुरक्षा घेरे में चलता है #बाबा सूरज पाल उर्फ "नारायण साकार हरि"
इसके दिखावे के कारण ही #हाथरस के #सत्संग में भगदड़ मची।
सबसे बड़ा सवाल हैं ढोंगी बाबाओ को इतनी सुरक्षा या ढोंग करने की अनुमति कौन देता है!
अब तक डेढ़ सौ… pic.twitter.com/kKBFbkLp68
बाबा के खिलाफ एक्शन की मांग
देखा जाए तो ज्यादातर ऐसी घटनाएं धार्मिक आयोजन के दौरान ही होती है. NCRB के आंकड़ों के मुताबिक साल 2000 से लेकर 2013 तक भगदड़ में लगभग दो हजार लोग मारे गए हैं. IJDRR की 2023 में प्रकाशित एक रिपोर्ट के मुताबिक भारत में 79 प्रतिशत भगदड़ धार्मिक सभाओं और तीर्थयात्राओं के कारण होती है. ऐसे में लोगों का कहना है कि, अगर ढोंगी बाबाओं को इतनी सुरक्षा या ढोंग करने की अनुमति नहीं देनी चाहिए. लोगों का कहना है कि, बाबा की तुरंत गिरफ्तारी होनी चाहिए. इतनी मौतों के लिए जिम्मेदार कोई भी व्यक्ति बचना नही चाहिए.
दर्दनाक मौतों का जिम्मेदार कौन?
सोशल मीडिया पर इस घटना की वीडियो शेयर कर लोग सवाल पूछ रहे हैं कि आखिर दर्दनाक मौतों का जिम्मेदार कौन है? लोगों का कहना है कि, भीड़ पर नियंत्रण और पर्याप्त इंतजाम के बगैर ऐसे सत्संग करने की इजाजत क्यों दी गई और अगर दी गई तो उचित व्यवस्था क्यों नहीं की गई. घायलों और मृतकों के परिवार वालों का आरोप है कि, घटना के बहुत देर बाद पुलिस पहुंची लेकिन राहत के लिए बचाव कार्य नहीं किया. इसके अलावा उन्होंने स्वास्थ्य विभाग की व्यवस्था पर भी सवाल उठाया है कि, अगर सही समय पर लोगों का इलाज हो जाता तो इतने लोग न मरते.