VIP गाड़ी, BJP का झंडा: भोले बाबा की पेशी थी या कोई शाही स्कॉट

Hathras Stampede Case: उत्तर प्रदेश के हाथरस में इस साल एक कार्यक्रम के दौरान मची भगदड़ में कई लोगों की मौत का मामला अब न्यायिक जांच के दायरे में है. इस केस में नारायण साकार हरि उर्फ भोले बाबा को न्यायिक आयोग के सामने पेश होने के लिए लखनऊ बुलाया गया. हालांकि, जिस वाहन से भोले बाबा लखनऊ पहुंचे, वह अब चर्चा का विषय बन गया है.

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Surajpal Bholebaba: उत्तर प्रदेश के हाथरस में एक कार्यक्रम के दौरान मची भगदड़ में 121 लोगों की मौत की हो गई थी. मामले में सूरजपाल, भोले बाबा उर्फ नारायण साकार हरि न्यायिक आयोग के सामने पेश होने के लिए लखनऊ पहुंचे. हालांकि, जिस गाड़ी से वे वहां पहुंचे, वह बीजेपी विधायक बाबूराम पासवान की थी. उस पर पार्टी का झंडा भी लगा हुआ था. इस दौरान गाड़ी में एक महिला भी दिखाई दीं, जो बाहर नहीं आईं. ये चर्चा शुरू हो गई है कि ये उसकी पेशी थी या कोई 'शाही स्कॉट'. आइये जानें पूरा मामला

2 जुलाई को हाथरस में एक सत्संग के दौरान मची भगदड़ में 121 लोगों की जान चली गई थी, जबकि 30 से अधिक लोग घायल हुए थे. यह कार्यक्रम नारायण साकार हरि उर्फ भोले बाबा द्वारा आयोजित किया गया था. घटना के बाद से मामले पूरे देश में छाया हुआ था. पुलिस और प्रशासन पर भोले बाबा को गिरफ्तार करने का दबाव भी बन रहा था.

बीजेपी विधायक की गाड़ी से पहुंचे भोले बाबा

भोले बाबा जिस सफेद फॉर्च्यूनर (गाड़ी नंबर- UP32NA8788) से लखनऊ पहुंचे. वह पीलीभीत के पूरनपुर विधानसभा क्षेत्र के बीजेपी विधायक बाबूराम पासवान की है. गाड़ी पर 'विधायक' लिखा हुआ था और उस पर भारतीय जनता पार्टी का झंडा भी लगा हुआ था. गाड़ी में एक महिला भी मौजूद थी, जो वाहन से बाहर नहीं निकली और भोले बाबा का इंतजार करती रही. वहीं, मौके पर भारी पुलिस बल की तैनाती भी की गई थी.

पूर्व पुलिसकर्मी से बने संत

भोले बाबा, जिनका असली नाम सूरजपाल था. पहले पुलिस की नौकरी करते थे. बाद में उन्होंने अध्यात्म की दुनिया में कदम रखा और अपना नाम बदलकर नारायण साकार हरि रख लिया. उनके अनुयायियों ने उन्हें 'भोले बाबा' के रूप में मान्यता दी. भोले बाबा के पास 24 आश्रम हैं. उनकी संपत्तियों की कीमत 100 करोड़ से अधिक है. वो अनुयायियों से किसी प्रकार का आर्थिक योगदान नहीं लेते, फिर भी उनके आश्रम अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस हैं.

21 बीघा में बना विशाल आश्रम

मैनपुरी के बिछुआ गांव में 21 बीघा जमीन पर बना उनका एक आश्रम है, जो उन्हें विनोद बाबू आनंद द्वारा दान में दी गई थी. इस आश्रम का निर्माण श्रद्धालुओं द्वारा दिए गए चंदे से हुआ, जिसमें 199 लोगों ने योगदान दिया था. हाथरस की घटना के बाद भोले बाबा के बारे में सारी जानकारी पब्लिक डोमेन में आई थी.

First Updated : Thursday, 10 October 2024