झारखंड में नहीं मिली शरण! हिंदू लड़की और मुस्लिम लड़के ने केरल में की शादी
झारखंड के एक जोड़े, मोहम्मद गालिब और आशा वर्मा ने अपने गृह राज्य में 'लव जिहाद' के आरोपों और अपने परिवारों और पड़ोसियों से धमकियों का सामना करने के बाद केरल में शरण ली और शादी कर ली. झारखंड के चितरपुर से ताल्लुक रखने वाला यह जोड़ा 9 फरवरी को अलपुझा के कायमकुलम पहुंचा था.

झारखंड के एक जोड़े, मोहम्मद गालिब और आशा वर्मा ने अपने गृह राज्य में 'लव जिहाद' के आरोपों और अपने परिवारों और पड़ोसियों से धमकियों का सामना करने के बाद केरल में शरण ली और शादी कर ली. झारखंड के चितरपुर से ताल्लुक रखने वाला यह जोड़ा 9 फरवरी को अलपुझा के कायमकुलम पहुंचा था. उन्होंने सबसे पहले 11 फरवरी को एक स्थानीय मस्जिद में इस्लामी रीति-रिवाजों के अनुसार शादी की. बाद में 16 फरवरी को उन्होंने हिंदू रीति-रिवाजों के साथ मंदिर में विवाह समारोह किया.
उनके परिवार और पड़ोसियों ने उनके धार्मिक मतभेदों के कारण इस शादी का विरोध किया. मौत की धमकियों का सामना करते हुए, युगल ने केरल जाने का फैसला किया, क्योंकि ग़ालिब के यूएई में रहने वाले दोस्तों ने उन्हें ऐसा करने की सलाह दी थी, जहाँ वह पहले काम करता था.
केरल तक उनका पीछा करता रहा परिवार
आशा का परिवार झारखंड पुलिस के साथ केरल तक उनका पीछा करता रहा. हालांकि, जब वे कायमकुलम पहुंचे, तो स्थानीय पुलिस ने पाया कि दोनों व्यक्ति सहमति से वयस्क थे और उन्हें साथ रहने का अधिकार था. रिश्तेदार, आशा को वापस लौटने के लिए राजी करने में असमर्थ थे, इसलिए अंततः चले गए.
शादी करने का कोई दबाव नहीं
ग़ालिब ने कहा, "हम दोनों पर शादी करने का कोई दबाव नहीं था. हमने पूरी सहमति से शादी की. इसके बावजूद मेरे खिलाफ अपहरण का झूठा मामला दर्ज किया गया. पुलिस ने आशा का बयान पहले ही दर्ज कर लिया था और वीडियो कॉन्फ्रेंस भी कर ली थी, फिर भी एफआईआर दर्ज कर ली गई."
धमकियों के डर से भागा कपल
यह जोड़ा एक दशक से भी ज़्यादा समय से एक दूसरे से प्यार करता था, वे एक दूसरे को स्कूल के दिनों से जानते थे. वे झारखंड में पड़ोसी भी थे. ग़ालिब पिछले महीने यूएई से भारत लौटा था, जब आशा के परिवार ने उसकी शादी किसी और आदमी से तय कर दी थी. उनके परिवारों ने धार्मिक मतभेदों के कारण उनके रिश्ते को स्वीकार करने से इनकार कर दिया था. आगे की धमकियों के डर से दम्पति ने अधिवक्ता गया एस लता के माध्यम से केरल उच्च न्यायालय में एक रिट याचिका दायर कर सुरक्षा की मांग की.