यूपी में कांवड़ विवाद के बीच मुस्लिमों को लेकर हेमा मालिनी ने दिया ये बयान

Kanwar Yatra 2024: कांवड़ यात्रा को लेकर देश में हर राज्य में जोर-शोर से तैयारियां चल रही हैं. सरकार श्रद्धालुओं को हर तरह की बेहतर सुविधा मिल सके इस दिशा में काम कर रही है. इस बीच उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने कांवड़ यात्रा को लेकर बड़ा आदेश दिया है. जिसके बाद से सियासी घमासान जारी है. इस बीच पूरे विवाद पर बीजेपी सांसद हेमा मालिनी का बयान सामने आया है.

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Kanwar Yatra 2024: देश में 22 जुलाई से शुरू होने वाली कांवड़ यात्रा को लेकर उत्तर प्रदेश की योगी सरकार पूरी तरफ से तैयार है. इस दिशा में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आज यानि शुक्रवार को  कांवड़ यात्रा के सुचारू संचालन को सुनिश्चित करने के लिए कई उपायों की घोषणा की. इस दौरान सीएम योगी ने कांवड़ यात्रा मार्ग पर स्थित सभी भोजनालयों को अपने मालिकों के नाम लिखने का आदेश दिया है. ताकि तीर्थयात्रियों की आस्था की पवित्रता बनी रहे. इसको लेकर विपक्ष लगातार योगी सरकार पर निशाने साधे हुए है. विपक्षी सरकार योगी सरकार के इस फैसले को वापस लेने की मांग कर रहा है. इसी बीच मथुरा से बीजेपी की संसद हेमा मालिनी ने इसको लेकर बड़ा बयान दिया है.

एबीपी की रिपोर्ट के अनुसार, यूपी में कांवड़ यात्रा में चल रहे मुस्लिम लोगों के हिंदू दुकानों के नाम पर सांसद हेमा मालिनी ने कहा कि व्यापार तो सभी करते है और मिलजुल कर व्यापार करना तो अच्छा है. मगर आपस में प्रेम बना रहे यही कोशिश होनी चाहिए. कांवड़ यात्रा को लेकर मुझे नही मालूम और मैं क्या बोलूं, मगर यहां पोशाक का काम बड़ी संख्या में मुस्लिम करते है. हम सब प्रेम से रहे, इसमें मुझे कोई बुराई नही लगती है.

फैसले पर क्या बोले थे CM योगी

बीते दिन शुक्रवार को इस निर्णय पर बोलते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा था  कि कांवड़ यात्रियों की पवित्रता को बनाए रखने के लिए यह फैसला लिया गया है. अब हर खाने-पीने की जगह, चाहे वह रेस्टोरेंट हो, सड़क किनारे ढाबा हो या फिर खाने-पीने का ठेला हो, उसे मालिक का नाम दिखाना होगा. इससे पहले उत्तर प्रदेश के मंत्री कपिल देव अग्रवाल ने आरोप लगाया था कि हिंदू नामों की आड़ में मुसलमान तीर्थयात्रियों को मांसाहारी भोजन बेचते हैं. मंत्री ने कहा था कि वे वैष्णो ढाबा भंडार, शाकुंभरी देवी भोजनालय और शुद्ध भोजनालय जैसे नाम लिखते हैं और मांसाहारी भोजन बेचते हैं.

यूपी के पूर्व उप मुख्यमंत्री ने किया था समर्थन

उत्तर प्रदेश की योगी सरकार के इस फैसले को लेकर उत्तर प्रदेश के पूर्व उपमुख्यमंत्री व भाजपा राज्यसभा सांसद दिनेश शर्मा ने कहा था कि निश्चित रूप से यह स्वागत योग्य कदम है और लोगों के बीच आपसी प्रेम और सौहार्द्र बढ़े इस भावना के साथ सरकार ने यह आदेश जारी किया है. इस आदेश में यह नहीं कहा गया है कि किसे कहां से सामान खरीदना है, जो जहां से चाहे वहां से सामान खरीद सकता है. दुकान के नीचे लगभग 40-50 प्रतिशत लोग अपने मालिक का नाम लिखते हैं, मैं समझता हूं कि जो संविधान की व्यवस्था है उसमें धार्मिक आस्था का सम्मान और सरंक्षण का जो भाव दिया है उसके अंतर्गत यह एक बेहतर प्रयास है.  

उन्होंने आगे कहा था कि हिंदू और मुसलमान मिलकर चलें, रामलीला में मुसलमान पानी पीलाते हैं तो लोग पीते हैं, ईद में हिंदू लोग उनका स्वागत करते हैं इसमें कोई आपत्ति नहीं है लेकिन जो व्रत, त्योहार, कांवड़ यात्रा के कुछ नियम हैं उनका उल्लंघन न हो. इस नीयत से यह फैसला एक स्वागत योग्य कदम है.

फैसले पर क्या बोले थे मुख्तार अब्बास नकवी?

इस दौरान कांवड़ यात्रा मार्गों पर खाने-पीने की दुकानों पर 'नेम प्लेट' लगाने के फैसले पर भाजपा नेता मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा था, 'एक सीमित प्रशासनिक दिशानिर्देश के कारण इस तरह का असमंजस हुआ था, मुझे खुशी है कि राज्य सरकार ने जो भी सांप्रदायिक भ्रम पैदा हुआ था उसे दूर किया है. मेरा यही कहना है कि इस तरह के विषयों पर किसी को सांप्रदायिक भ्रम फैलाने की कोशिश नहीं करनी चाहिए. यह किसी मुल्क, मजहब, मानवता के लिए अच्छा नहीं है. आस्था का सम्मान और आस्था की सुरक्षा पर सांप्रदायिक सियासत नहीं होनी चाहिए.


First Updated : Saturday, 20 July 2024