कांवड़ यात्रा पर देहरादून में होगी हाई लेवल मीटिंग
सावन माह की कांवड़ यात्रा के लिए पुलिस प्रशासन ने तैयारी शुरू कर दी है। वीडियो कॉन्फ्रेंस में वेस्ट यूपी के पुलिस और प्रशासन के अधिकारियों को शासन से निर्देश दिए जा चुके हैं। 27 जून को उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में पांच राज्यों की हाई लेवल बैठक बुलाई गई है। इसमें यूपी, उत्तराखंड, हरियाणा, दिल्ली और राजस्थान के अधिकारी शामिल होंगे।
सावन माह की कांवड़ यात्रा के लिए पुलिस प्रशासन ने तैयारी शुरू कर दी है। वीडियो कॉन्फ्रेंस में वेस्ट यूपी के पुलिस और प्रशासन के अधिकारियों को शासन से निर्देश दिए जा चुके हैं। 27 जून को उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में पांच राज्यों की हाई लेवल बैठक बुलाई गई है। इसमें यूपी, उत्तराखंड, हरियाणा, दिल्ली और राजस्थान के अधिकारी शामिल होंगे।
बता दें कि 26 जुलाई को जलाभिषेक होगा। करीब 15 दिन पहले गंगोत्री, गौमुख, उत्तरकाशी, ऋषिकेश, हरिद्वार से कांवड़ यात्रा शुरू हो जाएगी। कोरोना के चलते 2020 और 2021 में कांवड़ यात्रा नहीं हो सकी थी। ऐसे में इस बार कांवड़ियों का भारी सैलाब उमड़ सकता है। हरिद्वार प्रशासन के अनुसार 2019 में करीब 4 करोड़ कांवडियों ने हरिद्वार जल उठाया था। हरिद्वार दिल्ली हाईवे (NH 58) मुख्य मार्ग है। जिससे एक सप्ताह के लिए कांवड़ यात्रा के लिए बंद भी करना पड़ता है।
यूपी के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार पहले यह मीटिंग हरिद्वार में होनी थी, लेकिन बाद में देहरादून को चुना गया। इसमें सुरक्षा और कानून व्यवस्था के लिए प्लान तैयार किया जाएगा। बताया जा रहा है कि इसमें एटीएस के अधिकारी भी शामिल रहेंगे। दो साल कांवड़ यात्रा नहीं हो सकी, ऐसे में भारी संख्या में कांवड़ियों का अनुमान लगाया जा रहा है।
कांवड़ियों को लेकर हरिद्वार, मुख्य हाईवे, कांवड़ पटरी मार्ग और मुख्य धार्मिक जगहों पर अर्ध सैनिक बल के साथ एटीएस के कमांडो भी तैनात किए जाएंगे। कहां कहां कितनी फोर्स लगानी है। इस पर प्लान तैयार किया जा रहा है।कांवड़ यात्रा में यातायात व्यवस्था के लिए भी मंथन किया जा रहा है। NH 58 सबसे ज्यादा प्रभावित रहता है। जिसे 26 जुलाई से एक सप्ताह पहले बंद कर दिया जाता है। हाईवे के बंद होने के बाद फिर कांवड़िए, डाक कांवड़ और पुलिस प्रशासन द्वारा जारी पास धारक वाहन ही इस पर चत चल सकते हैं। NH-58 मेरठ के मोदीपुरम से लेकर दिल्ली की सीमा तक रैपिड का निर्माण कार्य भी मुसीबत बना हुआ है।
वहीं कांवड़ यात्रा में डीजे सबसे महत्वपूर्ण है। यूपी में 2017 से पहले यूपी की सरकारों ने सावन माह की कांवड़ यात्रा में कभी डीजे बजाने की इजाजत नहीं दी, लेकिन कांवड़ियों की संख्या को देखते हुए पुलिस प्रशासन कभी इस पर रोक भी नहीं लगा सका।