हिंदू नाम रखकर लोगों को ठगती थी सुमैया खान, हनीट्रैप गैंग का हुआ बड़ा खुलासा
मेरठ में एक सनसनीखेज हनीट्रैप रैकेट का खुलासा हुआ है. आरोपी, जो हिंदू नाम अपनाकर युवकों को ठगते थे वे पुलिस के हत्थे चढ़ गए हैं. गिरफ्तार महिलाओं में एक का असली नाम सुमैया खान है, जो 'शालू' नाम से जानी जाती थी. ये लोग युवकों को सोशल मीडिया पर फंसाकर ब्लैकमेल करते थ. रैकेट का पर्दाफाश तब हुआ जब पुलिस ने एक संदिग्ध कार को रोका. जांच में काफी चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं.
Uttarpradesh: मेरठ में हाल ही में एक सनसनीखेज हनीट्रैप रैकेट का खुलासा हुआ है जिसमें आरोपी दूसरे समुदाय की लड़कियों द्वारा हिंदू नाम अपनाकर लोगों को अपने जाल में फंसाते थे. पुलिस ने इस रैकेट का पर्दाफाश करते हुए दो महिलाओं समेत सात लोगों को गिरफ्तार किया है. गिरफ्तार की गई एक महिला का असली नाम सुमैया खान है जो शालू नाम से लोगों को ठगती थी. इस गैंग के सदस्यों ने मेरठ के साथ-साथ गाजियाबाद और दिल्ली तक के युवकों को फंसाकर उनसे पैसे ऐंठे थे
घटना का हुआ खुलासा
इस घटना का खुलासा बुधवार को तब हुआ जब पुलिस ने परतापुर थाना क्षेत्र की पूठा रोड पर एक कार को चेकिंग के लिए रोका. कार में दो युवतियां और दो युवक बैठे हुए थे और एक बाइक सवार वहां पर बचाव में खड़ा था. संदिग्ध गतिविधियों को देखकर पुलिस सभी को अपने साथ थाने ले आयी, जहां पूछताछ में इनलोगों की बातें सामने आयी जिसमें ये पता चला कि ये लोग हनीट्रैप रैकेट के सदस्य हैं.
क्या है पूरा मामला
एसपी सिटी आयुष विक्रम सिंह के अनुसार, एक युवती ने शालू शर्मा नाम से शिकायत की थी जिसमें रेप का आरोप लगाया गया था. जांच के दौरान यह पाया गया कि शिकायत फर्जी थी. आरोपी युवक ने बताया कि शालू ने उससे 10 लाख रुपए की मांग की थी और केस वापस लेने के लिए दबाव डाला था. इसके बाद शालू के बारे में कई महत्वपूर्ण खुलासे हुए. एक और महिला भी सामने आई जो शालू की भाभी होने का दावा कर रही थी. जांच के दौरान पता चला कि शालू ने युवक से दोस्ती की फिर उसकी सहमति से शारीरिक संबंध बनाए और बाद में उसे धमकाने लगी. शुरू में कुछ पैसे देने के बाद भी शालू की मांग बढ़ती गई और वह लगातार धमकियां देती रही.
गैंग का सदस्य सिमरन उर्फ रुहीना ने बताया कि उसने फिरोज के कहने पर सुमैया से दोस्ती की और पैसे कमाने के तरीके पर काम शुरू किया. उस गैंग के सदस्य अलग-अलग भूमिकाएं निभाते थे जैसे भाई या चाचा बनकर युवक को जाल में फंसाते थे. फिर युवक से पैसे की मांग की जाती और पैसे न देने पर झूठी तहरीर देकर थाने में रेप का केस दर्ज करवा दिया जाता था.
नकली दस्तावेजों में छिपाई थी पहचान
गिरफ्तार महिला शालू शर्मा की पहचान बदलने के लिए उसने एक नकली आधार कार्ड भी तैयार कर रखा था जबकि उसके असली दस्तावेजों में उसका नाम सुमैया खान था. युवकों को सोशल मीडिया के जरिए फंसाकर होटल बुलाया जाता था जहां उनकी सहमति से शारीरिक संबंध बनाकर वीडियो रिकॉर्ड की जाती थी. बाद में इस वीडियो का उपयोग ब्लैकमेलिंग के लिए किया जाता था. होटल के बाहर गैंग के अन्य सदस्य युवक को पकड़ लेते थे और पैसे की मांग करते थे.
गैंग के अन्य सदस्य आसिफ (दिल्ली के राजीव नगर), अनिकेत (मेरठ के कसेरुखेड़ा), दीपक (गाजियाबाद के भोजपुर), फिरोज (दिल्ली के राजीव नगर बैंक कॉलोनी), फहीम (गाजियाबाद के शहीद नगर) और युवतियां सिमरन उर्फ रुहीना खान (दिल्ली के अशोक मोहल्ला) सुमैया खान उर्फ शालू (दिल्ली के मधु विहार) शामिल थे.