हरियाणा विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने कैसे इस्तेमाल किया उत्तराखंड पैटर्न? कांग्रेस को कर दिया चित्त

Haryana Assembly elections: हरियाणा विधानसभा चुनाव नतीजों ने सभी को चौंका दिया है. क्योंकि एग्जिट पोल में कांग्रेस को बहुमत मिलने का अनुमान लगाया गया था. लेकिन ऐसा नहीं हुआ. सभी एग्जिट पोल में भारतीय जनता पार्टी को सत्ता से बाहर दिखाया गया, लेकिन जनादेश पार्टी के पक्ष में आता दिख रहा है. चुनाव नतीजों में भारतीय जनता पार्टी की बढ़त लगातार बढ़ती जा रही है.

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Edited By: JBT Desk

Haryana Assembly elections: हरियाणा विधानसभा चुनाव नतीजों ने सभी को चौंका दिया है. क्योंकि एग्जिट पोल में कांग्रेस को बहुमत मिलने का अनुमान लगाया गया था. लेकिन ऐसा नहीं हुआ. सभी एग्जिट पोल में भारतीय जनता पार्टी को सत्ता से बाहर दिखाया गया, लेकिन जनादेश पार्टी के पक्ष में आता दिख रहा है. चुनाव नतीजों में भारतीय जनता पार्टी की बढ़त लगातार बढ़ती जा रही है. विधानसभा की 90 में से करीब 50 सीटों पर बीजेपी आगे चल रही है. इंडिया अलायंस को बड़ा झटका लगा है. कांग्रेस के नेतृत्व वाला भारत गठबंधन करीब 35 सीटों पर आगे है. इंडियन नेशनल लोकदल-बसपा गठबंधन 2 और अन्य तीन सीटों पर आगे चल रहा है.

 हरियाणा विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी ने कैसे हासिल की ये जीत? इसके लिए क्या रणनीति थी? उत्तराखंड में 2022 विधानसभा चुनाव की घोषणा से 6 महीने पहले प्रदेश नेतृत्व में फेरबदल किया गया है. मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत को हटाकर पार्टी ने पुष्कर सिंह धामी को मौका दिया. जो बीजेपी के लिए एक युवा चेहरा थे. इसके बाद पार्टी ने 70 में से 47 सीटें जीतकर लगातार दूसरी बार जीत हासिल की.

उत्तराखंड में बदल गया माहौल

2017 से 2022 के बीच उत्तराखंड में तीन मुख्यमंत्री बदले गए. सबसे पहले त्रिवेन्द्र सिंह रावत मुख्यमंत्री बने. इसके बाद तीरथ सिंह रावत मुख्यमंत्री बने. जुलाई 2021 में बीजेपी ने उन्हें हटाकर पुष्कर सिंह धामी को मुख्यमंत्री बना दिया. उन्होंने 3 जुलाई 2021 को उत्तराखंड के 10वें मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली। पार्टी ने 45 साल के युवा चेहरे पर भरोसा करके एक अलग छाप छोड़ी और एक अलग नेतृत्व के लिए प्रचार किया.

बीजेपी ने कैसे इस्तेमाल किया उत्तराखंड पैटर्न

उत्तराखंड में 2021 में राज्य में जनसमर्थन भारतीय जनता पार्टी के खिलाफ जाता दिख रहा है. सरकार के खिलाफ नाराजगी के चलते पुष्कर सिंह धामी ने महज छह महीने में अपने काम से जनता का भरोसा जीता और पार्टी ने 47 सीटें जीतीं. 2017 के विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी ने 46.5 फीसदी वोटों के साथ 57 सीटें जीतीं. जबकि कांग्रेस ने 33.5 फीसदी वोटों के साथ 11 सीटें जीतीं.

यह निर्णय लेना कि जनता कब इसके विरुद्ध 

एंट्री इनकंबेंसी फैक्टर के बाद भी, धामी के कारण 2022 के विधानसभा चुनाव में भाजपा ने 44.30 प्रतिशत वोट हासिल किए और 47 सीटें जीतीं. जबकि कांग्रेस ने 37.9 फीसदी वोटों के साथ 19 सीटें जीतीं. यहां पार्टी की नेतृत्व परिवर्तन की रणनीति सफल रही. अब हरियाणा विधानसभा चुनाव से पहले भारतीय जनता पार्टी ने उत्तराखंड जैसी ही रणनीति अपनाई है. राज्य के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर को हटा दिया गया. उन्हें केंद्रीय राजनीति में लाया गया. उनकी जगह नायब सिंह सैनी को मुख्यमंत्री बनाया गया.

हरियाणा में बीजेपी जीती

सैनी ने 12 मार्च 2024 को राज्य के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली. 54 साल के नायब सिंह सैनी हरियाणा सरकार में मंत्री और कुरूक्षेत्र से सांसद रह चुके हैं. जब वे हरियाणा प्रदेश भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष थे तब उन्हें मुख्यमंत्री पद दिया गया था. उन्होंने अपनी रणनीति से राज्य में बीजेपी को जीत दिलाई. जहां बदलाव तय माना जा रहा था. एग्जिट पोल में कहा गया था कि बीजेपी की हार होगी, इसके उलट यहां बीजेपी की जीत हुई है.

नायब सिंह सैनी ने पार्टी को दिलाई बड़ी जीत

नायब सिंह सैनी ने पार्टी को बड़ी जीत दिलाई है. 2014 में मोदी लहर में बीजेपी ने 33.20 फीसदी वोटों के साथ 47 सीटें जीती थीं. 2019 के विधानसभा चुनाव में पार्टी ने 36.49 फीसदी वोटों के साथ 40 सीटें जीतीं. अब सैनी के नेतृत्व में पार्टी 39.67 वोट प्रतिशत के साथ 50 सीटों पर आगे चल रही है.

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08 October 2024, 05:49 PM IST

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