दिल्ली LG की ऐसी कौन सी ताकत बढ़ गई की टेशन में आई AAP, क्या पड़ेगा कैपिटल में असर?

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने दिल्ली के उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना की शक्तियों में इजाफा किया है. अब दिल्ली के एलजी राजधानी में किसी भी प्राधिकरण, बोर्ड, आयोग या वैधानिक निकाय के सदस्यों को बनाने और नियुक्त कर सकते हैं. गृह मंत्रालय ने इस संबंध में अधिसूचना जारी कर दी है. यह फैसला राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार अधिनियम, 1991 के तहत लिया गया है. इससे पहले यह अधिकार दिल्ली सरकार के पास थे. हालांकि, अब केंद्र सरकार ने यह अधिकार उपराज्यपाल को दे दिए हैं

JBT Desk
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Delhi Lieutenant Governor Empowerment: देश की राजधानी दिल्ली के उपराज्यपाल की शक्तियां बढ़ा दी गई हैं. राष्ट्रपति ने वीके सक्शेना को (एलजी) को संसद से पारित किसी भी कानून के तहत दिल्ली सरकार पर लागू किसी भी प्राधिकरण, बोर्ड, आयोग या वैधानिक निकाय का गठन करने का पावर दे दिया हैं. गृह मंत्रालय (एमएचए) ने मंगलवार (03 अगस्त) को नोटिफिकेशन जारी करके इसकी जानकारी दी.

एक राजपत्र अधिसूचना में, गृह मंत्रालय ने कहा कि राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली शासन अधिनियम, 1991 (1992 का 1) की धारा 45डी के साथ पठित संविधान के अनुच्छेद 239 के खंड (1) के अनुसरण में, राष्ट्रपति निर्देश देते हैं कि राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली के उपराज्यपाल, राष्ट्रपति के नियंत्रण के अधीन रहते हुए और अगले आदेश तक, किसी प्राधिकरण, बोर्ड, आयोग या किसी भी वैधानिक निकाय, चाहे उसे किसी भी नाम से पुकारा जाए, के गठन के लिए या ऐसे प्राधिकरण, बोर्ड, आयोग या किसी भी वैधानिक निकाय में किसी सरकारी अधिकारी या पदेन सदस्य की नियुक्ति के लिए उक्त अधिनियम की धारा 45डी के खंड (ए) के तहत राष्ट्रपति की शक्तियों का प्रयोग करेंगे.

उपराज्यपाल के चुनाव की मांग

दिल्ली में वैसे तो मुख्यमंत्री है और विधानसभा का चुनाव भी होता है, लेकिन अब मांग की जा रही उपराज्यपाल के चुनाव की. गृहमंत्री ने दिल्ली के उपराज्यपाल की शक्तियां बढ़ा दी है. इसके बाद दिल्ली के वर्तमान मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल के लिए समस्याएं बढ़ गई है. शक्तियां बढ़ने के बाद दिल्ली के उपराज्यपाल को अब दिल्ली महिला आयोग, दिल्ली विद्युत नियामक आयोग जैसे अन्य आयोग के गठन का अधिकार दे दिया गया है.

बीजेपी और आम आदमी पार्टी सरकार के बीच टकराव

राष्ट्रपति के नए आदेश से उपराज्यपाल और राजधानी में सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी सरकार के बीच नए सिरे से टकराव शुरू होने की संभावना है. पिछले साल राष्ट्रपति ने राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार (संशोधन) विधेयक 2023 को अपनी मंजूरी दे दी थी.

प्राधिकरण को भी निर्णय लेने का अधिकार

इसमें कहा गया था कि अधिकारियों के सभी तबादले और नियुक्तियां अब राष्ट्रीय राजधानी सिविल सेवा प्राधिकरण (एनसीसीएसए) की ओर से की जाएंगी. इस निकाय की अध्यक्षता मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल करेंगे और दिल्ली सरकार के दो वरिष्ठ नौकरशाह इसके सदस्य होंगे. प्राधिकरण को बहुमत से निर्णय लेने का अधिकार दिया गया है और अंतिम निर्णय उपराज्यपाल के पास है. अधिनियम का विरोध करते हुए केजरीवाल ने केंद्र पर दिल्ली के निवासियों को “बाधित” करने और उनके वोट छीनने की कोशिश करने का आरोप लगाया था.

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04 September 2024, 02:31 PM IST

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