समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव स्वामी प्रसाद मौर्य की रामचरितमानस पर की गई टिप्पणी के बाद पूरे देश में बवाल मचा हुआ है लोगों का मानना है कि राजनीतिक लोगों को धार्मिक मामले पर सोच समझकर टिप्पणी करनी चाहिए इस मामले में शामली में लोकतंत्र सेनानी राजेंद्र सिंह विधुर का मानना है कि कोई किसी धर्म को लेकर किसी भी प्रकार की गलत टिप्पणी करता है तो नियति गलत है क्योंकि संविधान सभी धर्मों का बराबर सम्मान करने का अधिकार देता है इसलिए किसी भी धर्म पर टिप्पणी करना बहुत ही गलत है।
रवि जयसवाल किसान ने कहा कि राजनीतिक लोगों को जन समस्याएं उठानी चाहिए जैसे बेरोजगारी महंगाई किसानों की समस्या शिक्षा जैसे मुद्दे हैं यदि कोई व्यक्ति इस प्रकार की कोई धार्मिक टिप्पणी करता है तो उसके खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए उन्होंने कहा आज की जनता जागरुक हो चुकी है राम मंदिर जैसे मुद्दे भी अब ठंडे पड़ गए हैं अब मुद्दे जन समस्याओं से जुड़े हुए हैं 2024 में वह मुद्दे काम करेंगे।
वहीं अशोक कुमार एडवोकेट का कहना है कि स्वामी प्रसाद मौर्य एक राजनीतिक व्यक्ति हैं किसी के धार्मिक ग्रंथ पर टिप्पणी करना उनके लिए कतई भी उचित नहीं है उन्होंने कहा यह सारी कारगुजारी 2024 के चुनाव को ध्यान में लेकर की जा रही है उन्होंने कहा कि धार्मिक मामलों में आरोप-प्रत्यारोप का कोई औचित्य नहीं है आज यदि मुद्दे हैं तो वह जनसमस्याओं से जुड़े हुए हैं किसानों का मुद्दा सबसे महत्वपूर्ण है जिसमें उनके गन्ने के भाव भुगतान की समस्या पर ध्यान देना जरूरी है।
रवि जायसवाल का कहना है कि किसी के धर्म ग्रंथ के बारे में टिप्पणी करना किसी प्रकार भी उचित नहीं है धर्म पर टिप्पणी करने से वाद-विवाद आरोप-प्रत्यारोप चलते हैं जिसमें आपस में विवाद बनता है जो देश के लिए बिल्कुल भी हितकारी नहीं है स्वामी प्रसाद मौर्य द्वारा धार्मिक ग्रंथ पर की गई टिप्पणी बहुत निंदनीय है उन्हें अपने इस कृत्य के लिए माफी मांगने चाहिए तथा अपने शब्दों को वापस लेना चाहिए यह सब 2024 के लोकसभा चुनाव को लेकर के इस तरह के बयान बाजी की जा रही है जिसमें नेता अपना वोट बैंक बनाने के लिए जन भावना से खिलवाड़ कर रहे हैं ऐसे लोगों के विरुद्ध कार्रवाई होनी चाहिए जन समस्या से जुड़े मुद्दों को उठाना चाहिए अनावश्यक वाद विवाद विवाद से बचना चाहिए। First Updated : Friday, 03 February 2023