सड़क हादसे में हुई पति की मौत, स्पर्म सेव रखने पर अड़ी युवती...चार महीने पहले हुई थी शादी

मध्य प्रदेश के सीधी जिले में विवाह के सात महीने बाद ही एक महिला का सुहाग उजड़ गया. मौत की खबर मिलते ही पूरे परिवार में कोहराम मच गया. बदहवास होकर महिला रीवा मेडिकल कॉलेज अस्पताल पहुंची. जहां उसने अपने पति का स्पर्म सुरक्षित रखने की मांग की. महिला अपने पति से जुड़ी यादें जीवित रखना चाहती थी.

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मध्य प्रदेश के सीधी जिले से हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है. यहां एक पत्नी ने अपने मृतक पति के स्पर्म की डिमांड कर दी. इसके बाद डॉक्टर असमंजस में पड़ गए. दरअसल, युवती के पति जितेंद्र सिंह गहरवार की गुरुवार दोपहर सड़क हादसे में मौत हो गई थी.  24 घंटे से अधिक पुरानी बॉडी होने के कारण डॉक्टर ने भी स्पर्म प्रिजर्व करने से हाथ खड़े कर दिए. पत्नी ने जमकर हंगामा मचाया. हालांकि, डॉक्टरों ने समझाइश देकर मामले को शांत कराया.

क्या है पूरा मामला

दरअसल, सीधी जिले के चुरहट निवासी जितेंद्र सिंह गहरवार की सड़क हादसे में मौत हो गई थी. पुलिस ने शव का पंचनामा बनाकर संजय गांधी मेमोरियल हॉस्पिटल की मोर्चुरी में पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया. हादसे के वक्त पत्नी मौके पर नहीं थी. पुलिस की मौत की सूचना दी, जिस पर पत्नी ने पोस्टमार्टम कराने से इनकार कर दिया था. इसके बाद पुलिस हॉस्पिटल में मृतक की पत्नी के आने का इंतजार करती रही. 

अगले दिन जब पत्नी हॉस्पिटल आई तो उसने पुलिस और डॉक्टरों के सामने मृत पति के स्पर्म प्रिजर्व करने की डिमांड कर दी ताकि वह अपने पति के स्पर्म से ही जन्मे बच्चे से पूरी जिंदगी काट सके. यह सुनकर सभी हैरान हो गए. डॉक्टर और पुलिस की उलझनें बढ़ गई. 24 घंटे से अधिक का समय बीत जाने के बाद मृतक के शरीर से स्पर्म प्रिजर्व करने पर डॉक्टरों ने हाथ खड़े कर दिए. 

काफी समझाने के बाद मानी युवती

मेडिकल कॉलेज के फॉरेंसिक डिपार्टमेंट के एचओडी डॉ रजनीश कुमार पांडे ने बताया, मृत व्यक्ति के शरीर से स्पर्म को 24 घंटे के भीतर प्रिजर्व करना जरूरी होता है. इससे अधिक का समय बीत जाने के बाद स्पर्म प्रिजर्व नहीं किया जा सकता. इसके अलावा मेडिकल कॉलेज में इस प्रक्रिया को अपनाने के लिए किसी प्रकार की सुविधा भी नहीं है. डॉक्टरों के हाथ खड़े करते ही मृतक की पत्नी ने हंगामा कर दिया. डॉक्टर और पुलिस के काफी समझाइश के बाद युवती मानी और पोस्टमार्टम हो सका. पीएम के बाद शव परिजनों को सौंप दिया गया.

संजय गांधी मेमोरियल हॉस्पिटल के सह अधीक्षक डॉक्टर अतुल सिंह ने बताया कि मृतक की सिर्फ 4 महीने पहले ही शादी हुई थी. एक्सीडेंट में पति की जान चली गई. इस वजह से पत्नी पति की याद में पूरी जिंदगी बिताने का निर्णय लेकर स्पर्म की मांग कर रही थी. समय ज्यादा होने के वजह से यह प्रकिया संभव नहीं थी. समझाइश के बाद पत्नी मान गई और शव परिजनों को सौंप दिया गया.  First Updated : Monday, 23 December 2024