'इतना कम किराया, ऊपर से हाई कमीशन..' हैदराबाद में कैब ड्राइवरों का प्रदर्शन, सरकार से किराया तय करने की अपील
हैदराबाद में कैब ड्राइवरों ने एग्रीगेटर ऐप द्वारा संचालित एयरपोर्ट ट्रिप का बायकाट शुरू कर दिया है. सभी ड्राइवरों ने कम किराया और हाई कमीशन लेने की वजह से एग्रीगेटर कंपनियों के खिलाफ यह मोर्चा खोला है. उन्होंने इस मामले में सरकार से हस्तक्षेप करने और सभी प्लेटफ़ॉर्म पर उचित मूल्य निर्धारण नीतियों को लागू करने की मांग की है.

हैदराबाद में कैब ड्राइवरों ने एग्रीगेटर ऐप्स के जरिए मिलने वाली एयरपोर्ट ट्रिप्स का बायकाट शुरू कर दिया है. उनका आरोप है कि ऐप-आधारित कैब कंपनियां बहुत कम किराया तय कर रही हैं, जिससे उनकी आय पर बुरा असर पड़ रहा है. इसके अलावा, 30% तक कमीशन काटने के कारण उनकी कमाई और भी कम हो रही है. ड्राइवर यूनियन ने इस मुद्दे पर सरकार से दखल देने और किराया नियमों को लागू करने की मांग की है.
तेलंगाना गिग एंड प्लेटफॉर्म वर्कर्स यूनियन (TGPWU) के बैनर तले कैब ड्राइवरों ने राजीव गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट तक की ट्रिप्स को बंद करने का फैसला किया है. यूनियन के संस्थापक-प्रमुख शेख सल्लाउद्दीन ने बताया कि दो दिन पहले शुरू हुआ यह आंदोलन तेज़ी से बढ़ रहा है और शहर में बड़े पैमाने पर इसका असर देखा जा रहा है.
कमाई घटी, एयरपोर्ट पर लंबा इंतजार
यूनियन के मुताबिक, एग्रीगेटर प्लेटफॉर्म्स शहर से एयरपोर्ट तक की ट्रिप के लिए केवल ₹300-₹400 चार्ज कर रहे हैं, जबकि ड्राइवरों से 30% तक कमीशन वसूला जा रहा है. सल्लाउद्दीन ने बताया कि तेलंगाना सरकार ने 2022 में प्री-पेड टैक्सियों के लिए एयरपोर्ट ट्रिप का किराया ₹21 प्रति किलोमीटर तय किया था, लेकिन एग्रीगेटर कंपनियां इससे ₹300-₹400 कम किराए पर ट्रिप्स ऑफर कर रही हैं, जिससे कैब चालकों को भारी नुकसान हो रहा है. इसके अलावा, ड्राइवरों को एयरपोर्ट पर 3-4 घंटे इंतजार करना पड़ता है ताकि उन्हें कोई वापसी की सवारी मिल सके. इस वजह से उनके रोज़ाना के राइड्स की संख्या भी घट गई है, जिससे उनकी कमाई पहले से काफी कम हो गई है.
क्या है यूनियन की मांग
ड्राइवर यूनियन लंबे समय से सरकार और परिवहन विभाग से किराए को रेगुलेट करने की मांग कर रही है. यूनियन का कहना है कि सभी प्लेटफॉर्म्स पर एक समान किराया नीति लागू होनी चाहिए, ताकि ड्राइवरों को उनकी मेहनत के अनुसार सही भुगतान मिल सके. सल्लाउद्दीन ने कहा, "हमने सरकार से कई बार अपील की है, लेकिन अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया. हम चाहते हैं कि राज्य सरकार तुरंत हस्तक्षेप करे और एग्रीगेटर कंपनियों की कीमतों को रेगुलेट करे, ताकि ड्राइवरों को न्याय मिल सके."
आगे होगा विरोध और तेज़?
यूनियन का दावा है कि अगर जल्द ही कोई समाधान नहीं निकला, तो विरोध प्रदर्शन और भी बड़ा हो सकता है. कैब ड्राइवरों का यह बहिष्कार शहर के ट्रांसपोर्ट सिस्टम को प्रभावित कर सकता है, जिससे यात्रियों को भी परेशानी हो सकती है.