'दोषी साबित होने तक मैं निर्दोष हूं' IAS अधिकारी पूजा खेडकर ने रखी अपनी बात
महाराष्ट्र कैडर की साल 2023 बैच की आईएएस अधिकारी खेडकर मीडिया विवादों में तब आई. जब उन्होंने पुणे कलेक्टर कार्यालय से विशेष विशेषाधिकार की मांग की. जो उनके पद के लिए अनुमत नहीं था, केंद्र ने सिविल सेवा परीक्षा में अपनी उम्मीदवारी सुनिश्चित करने के लिए पूजा द्वारा प्रस्तुत दस्तावेजों के पुनर्मूल्यांकन के लिए एक सदस्यीय समिति का गठन किया है.
आईएएस (IAS) अधिकारी पूजा खेड़कर इन दिनों विवादों में घिरी हुई हैं. इसके पीछे की असली वजह है कि एमबीबीएस में दाखिला लेते समय उनके मेडिकल में किसी तरह के शारीरिक विकलांग होने की पुष्टि नहीं की गई है. दरअसल उन्होंने ओबीसी नॉन-क्रीमी लेयर कोटा की मदद से एमबीबीएस में अपना दाखिला करवाया था.
पूजा खेड़कर ने रखी अपनी बात
ट्रेनी आईएएस अधिकारी पूजा खेडकर जो कि सिविल सेवा परीक्षा पास करने के लिए अपनी विकलांगता के बारे में झूठ बोलने की वजह से जांच के घेरे में हैं. उन्होंने अपनी बात रखते हुए कहा कि वह समिति के सामने अपने खिलाफ लगे सभी आरोपों को साबित करेगी. उनका कहना है कि यह एक यह एक मीडिया ट्रायल है और लोग इसे देख रहे हैं. सच्चाई एक दिन सामने आ ही जाती है.
भारतीय संविधान के मुताबिक किसी व्यक्ति को तब तक दोषी नहीं माना जा सकता जब तक कि उस पर लगे आरोप सिद्ध न हो जाएं. मीडिया से बात करते हुए पूजा खेडकर ने कहा कि, "मैं समिति के समक्ष वह सब कुछ कहूंगी जो मुझे कहना होगा, और समिति जो भी निर्णय लेगी, मैं उसे स्वीकार करूंगी."
#WATCH | Maharashtra: Trainee IAS officer Puja Khedkar says "I will testify in front of the expert committee and we will accept the decision of the committee...I do not have the right to tell you whatever investigation is going on. Whatever submission I have, will become public… pic.twitter.com/vsGISCyRho
— ANI (@ANI) July 15, 2024
आयोग को दिया विकलांग का प्रमाण पत्र
आईएएस (IAS) अधिकारी पूजा खेड़कर ने इससे पहले संघ लोक सेवा आयोग को बेंचमार्क विकलांग व्यक्तियों की श्रेणी के तहत दो चिकित्सा प्रमाण पत्र प्रस्तुत किए थे.
1- दृष्टिबाधित होने का दावा किया गया था.
2- मानसिक बीमारी का दावा.
हाल ही में सुत्रों के हवाले से पता चला कि ट्रेनी आईएएस अधिकारी ने पुणे के एक अस्पताल से तीसरा मेडिकल सर्टिफिकेट प्राप्त करने का भी प्रयास किया. जिसे मेडिकल सुविधा द्वारा अस्वीकार कर दिया गया. शारीरिक विकलांगता, खास तौर पर चलने-फिरने में अक्षमता की श्रेणी में, साबित करने के लिए प्रशिक्षु आईएएस अधिकारी ने कई मेडिकल टेस्ट करवाए थे.
वहीं उनकी जांच करने वाले डॉक्टर ने कहा कि "विकलांगता प्रमाण पत्र जारी करना संभव नहीं है" मिली जानकारी के मुताबिक पूजा खेडकर ने अगस्त 2022 में पुणे के औंध अस्पताल से विकलांगता प्रमाण पत्र के लिए आवेदन किया था.