'मराठी नहीं बोल सकते तो महाराष्ट्र छोड़ दो', राज ठाकरे की पार्टी के नेता ने दी चेतावनी
Language row: मराठी भाषा को लेकर महाराष्ट्र में सियासी घमासान तेज हो गया है. महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (MNS) के मुंबई अध्यक्ष संदीप देशपांडे ने कहा है कि जो लोग राज्य में रहकर मराठी नहीं बोलना चाहते, वे महाराष्ट्र छोड़ दें. उन्होंने ऐसे लोगों को 'महाराष्ट्र का गद्दार' भी बताया.

Language row: महाराष्ट्र में मराठी भाषा को लेकर चल रहा विवाद अब और तेज़ हो गया है. महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (MNS) ने मराठी अस्मिता के एजेंडे को लेकर आक्रामक रुख अपनाया है. पार्टी के मुंबई अध्यक्ष संदीप देशपांडे ने शनिवार को बड़ा बयान देते हुए कहा कि जो लोग महाराष्ट्र में रहकर मराठी बोलने से इनकार करते हैं, उन्हें राज्य छोड़ देना चाहिए. उन्होंने ऐसे लोगों को 'महाराष्ट्र का गद्दार' भी बताया.
निगम चुनावों से पहले मराठी भाषा को लेकर MNS का यह सख्त रुख सियासी हलकों में हलचल मचा रहा है. बैंक और अन्य संस्थानों में मराठी को अनिवार्य करने की मांग को लेकर पार्टी ने अपना अभियान तेज़ कर दिया है. इस पूरे विवाद ने राज्य की राजनीति को गर्मा दिया है, जहां मुख्यमंत्री से लेकर स्थानीय नेता तक इस मुद्दे पर बयानबाज़ी कर रहे हैं.
MNS नेता की सख्त चेतावनी
MNS मुंबई अध्यक्ष संदीप देशपांडे ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'X' (पूर्व में ट्विटर) पर पोस्ट करते हुए लिखा, “जो लोग महाराष्ट्र में रहकर मराठी नहीं बोलेंगे, वे महाराष्ट्र के गद्दार हैं. जो मराठी नहीं बोलना चाहते, वे महाराष्ट्र छोड़ दें. नहीं तो हम महाराष्ट्र के गद्दारों को उनकी औकात दिखाएंगे.” यह पोस्ट वायरल होते ही राजनीतिक और सामाजिक हलकों में तीखी प्रतिक्रियाएं देखने को मिलीं.
CM फडणवीस ने दी नसीहत
इस बयान के एक दिन पहले ही महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा था कि मराठी भाषा के उपयोग पर ज़ोर देना गलत नहीं है, लेकिन अगर इसके लिए कोई कानून हाथ में लेता है, तो वह स्वीकार्य नहीं होगा. उन्होंने अप्रत्यक्ष रूप से MNS कार्यकर्ताओं की हालिया कार्रवाइयों पर आपत्ति जताई.
निगम चुनावों से पहले MNS का 'मराठी एजेंडा'
राज्य में आगामी नगर निगम चुनाव, जिनमें मुंबई, ठाणे, पुणे, नासिक और नागपुर जैसे बड़े शहर शामिल हैं, से पहले MNS मराठी भाषा को लेकर अपनी स्थिति और स्पष्ट कर रही है. राज ठाकरे के नेतृत्व वाली यह पार्टी अब बैंकों और अन्य संस्थानों में मराठी को अनिवार्य किए जाने की मांग कर रही है.
बैंक कर्मचारियों पर कार्रवाई
पिछले कुछ हफ्तों में MNS कार्यकर्ताओं ने ठाणे और पुणे जिलों में दो अलग-अलग बैंकों के मैनेजर्स को मराठी में संवाद न करने पर घेरा. इन घटनाओं के वीडियो सोशल मीडिया पर तेज़ी से वायरल हुए और उन्हें काफी व्यापक प्रतिक्रिया मिली. इस कदम को लेकर जहां कुछ लोगों ने MNS का समर्थन किया, वहीं कई लोगों ने इसे ज़रूरत से ज़्यादा कट्टर करार दिया.
गुढी पड़वा रैली में राज ठाकरे का कड़ा संदेश
गुढी पड़वा के मौके पर आयोजित एक रैली में राज ठाकरे ने मराठी भाषा को लेकर पार्टी की नीति साफ करते हुए कहा कि मराठी को सरकारी कामकाज में अनिवार्य किया जाएगा. उन्होंने चेतावनी दी कि "जो लोग जानबूझकर मराठी नहीं बोलते, उन्हें थप्पड़ मारे जाएंगे." इस बयान ने एक बार फिर MNS की आक्रामक रणनीति को उजागर कर दिया.