महाराष्ट्र में महाविकास अघाड़ी (MVA) को विधानसभा चुनाव में हार का सामना करना पड़ा. इस गठबंधन को सिर्फ 47 सीटें मिलीं, जो उसकी उम्मीदों से काफी कम थीं. अब इस हार का असर राज्यसभा में भी देखने को मिल सकता है, क्योंकि MVA के तीन बड़े नेताओं के राज्यसभा में पहुंचने पर संकट आ गया है. ये नेता हैं – शरद पवार, प्रियंका चतुर्वेदी और संजय राउत.
शरद पवार, प्रियंका चतुर्वेदी और संजय राउत को अब यह चिंता है कि उनकी राज्यसभा में वापसी मुश्किल हो सकती है. शरद पवार ने पहले ही कह दिया था कि उनका राज्यसभा का यह आखिरी कार्यकाल होगा. शरद पवार और प्रियंका चतुर्वेदी का राज्यसभा कार्यकाल 3 अप्रैल, 2026 को खत्म होगा, जबकि संजय राउत का कार्यकाल 22 जुलाई, 2028 तक है.
महाराष्ट्र में राज्यसभा की कुल 19 सीटें हैं. राज्यसभा में अब तक बीजेपी के पास 7, कांग्रेस के पास 3, शिवसेना के पास 1, शिवसेना (यूबीटी) के पास 2, एनसीपी के पास 3, एनसीपी (शरद पवार गुट) के पास 2 और RPI के पास 1 सीट है. चुनाव में महायुति (बीजेपी और उसके सहयोगी) की शानदार जीत के बाद, राज्यसभा में बीजेपी का दबदबा और भी बढ़ेगा. फिलहाल, बीजेपी के पास राज्यसभा में कुल 95 सदस्य हैं, और सहयोगियों के साथ यह आंकड़ा बढ़कर 112 हो जाता है.
महाराष्ट्र में राज्यसभा के उम्मीदवार को चुनाव जीतने के लिए कितने वोट चाहिए, इसे समझने के लिए एक फॉर्मूला है: (विधानसभा में कुल वोट) / (राज्यसभा की सीटें + 1) + 1. इसके हिसाब से, महाराष्ट्र में राज्यसभा चुनाव के लिए एक उम्मीदवार को 15 वोट चाहिए.
MVA को राज्यसभा में 3 सीटें मिल सकती हैं. इसके लिए कांग्रेस और शिवसेना (यूबीटी) को मिलकर उम्मीदवारों का चयन करना होगा. इन दोनों दलों को एनसीपी (शरद पवार गुट), सपा और कुछ अन्य पार्टियों का समर्थन भी चाहिए होगा. इस हिसाब से, यदि शिवसेना (यूबीटी) प्रियंका चतुर्वेदी और संजय राउत को दोबारा राज्यसभा भेजने का फैसला करती है, तो उसे कांग्रेस, एनसीपी (पवार गुट) और सपा का समर्थन चाहिए होगा. इस प्रकार, MVA के लिए राज्यसभा में अपनी ताकत बनाए रखना अब एक बड़ा चुनौती बन गया है. First Updated : Tuesday, 26 November 2024