अहमदाबाद में डेंगू के 470 और स्वाइन फ्लू के 216 मामले सामने आए

अहमदाबाद में मानसून के मौसम की बारिश के बाद मच्छर जनित महामारियों में भारी वृद्धि हुई है। शहर में पिछले दो महीनों में मच्छरों के प्रजनन में वृद्धि देखी गई है, जिससे डेंगू के मामलों में वृद्धि हुई है।

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संवाददाता: अजय मिस्त्री (अहमदाबाद, गुजरात)

अहमदाबाद में मानसून के मौसम की बारिश के बाद मच्छर जनित महामारियों में भारी वृद्धि हुई है। शहर में पिछले दो महीनों में मच्छरों के प्रजनन में वृद्धि देखी गई है, जिससे डेंगू के मामलों में वृद्धि हुई है। चालू माह के 17 दिनों में अहमदाबाद में डेंगू के 470 मामले सामने आए हैं। शहर के पश्चिमी हिस्से में डेंगू के मामले सबसे ज्यादा बढ़े हैं। बारिश के बाद हर तरफ गंदगी और पानी के कारण मच्छरों का प्रकोप बढ़ गया है। शहर में फॉगिंग व दवा निकासी का संचालन ठीक से नहीं होने से महामारी विकराल रूप धारण कर चुकी है।

अहमदाबाद नगर निगम के स्वास्थ्य विभाग के प्रभारी प्रमुख डॉ. भाविन सोलंकी ने कहा कि चालू माह के दौरान डेंगू के मामलों में इजाफा हुआ है। मच्छर जनित बीमारियों में 17 सितंबर तक डेंगू के 470, मलेरिया के 135, चिकनगुनिया के 28 और जहरीले मलेरिया के 13 मामले सामने आए हैं। जलजनित रोगों में डायरिया व उल्टी के 293 मामले, टाइफाइड के 196 मामले, पीलिया के 119 मामले सामने आए हैं। डेंगू के सबसे ज्यादा मामले शहर के पश्चिमी हिस्से बोदकदेव, थलतेज, वस्त्रपुर, भोपाल, घुमा, नवरंगपुरा और पालड़ी में जबकि पूर्वी हिस्से में रामोल, हटिजन और लंभा वार्ड में सामने आए हैं।

सितंबर माह में स्वाइन फ्लू के 216 मामले सामने आए हैं। जिसमें स्वाइन फ्लू के 70 फीसदी मरीजों का इलाज अस्पताल में और 30 फीसदी मरीजों का इलाज घर पर ही किया जा रहा है। स्वाइन फ्लू के मामलों में कमी देखी गई है। शहर में स्वाइन फ्लू और डेंगू, डायरिया और उल्टी के सबसे ज्यादा मामले देखने को मिल रहे हैं। सरकारी व निजी अस्पतालों में वायरल संक्रमण के मरीज बढ़े हैं। उन्होंने कहा कि केशर के विभिन्न इलाकों में महामारी को रोकने के लिए नगर निगम व्यवस्था की ओर से प्रयास किए जा रहे हैं।

अहमदाबाद नगर निगम के स्वास्थ्य विभाग द्वारा सितंबर माह में शहर के विभिन्न क्षेत्रों से 751 पानी के नमूने लिए गए थे। जिसमें 24 सैंपल अनफिट घोषित किए गए हैं। अनफिट घोषित किए गए सैंपलों में ये मुख्य रूप से शहर के पूर्वी इलाके के घोषित हैं। जहां पानी के नमूने अनुपयुक्त पाए जाते हैं, वहां निगम का इंजीनियरिंग विभाग पानी की पाइप लाइनों को बदलने और साफ करने का काम करता है और स्वास्थ्य विभाग क्लोरीन की गोलियां बेचने का आदेश दिया है। संवाददाता: अजय मिस्त्री (अहमदाबाद) First Updated : Tuesday, 20 September 2022