RTO Change new rules in Chhattisgarh: छत्तीसगढ़ में अब 15 साल से ज्यादा पुराने सरकारी कमर्शियल वाहनों का फिटनेस एक अप्रैल से नहीं होगा। इसके साथ ही उन वाहनों का पंजीयन और परमिट भी निरस्त या रद्द कर दिया जाएगा। RTO कार्यालय में जांच कराने के लिए आने पर ऐसे वाहनों के मालिकों को सड़कों पर इन वाहनों को नहीं चलाने की हिदायत देने के साथ ऐसे वाहनों को स्क्रैप कराने के दिशा- निर्देश दिए गए हैं। अगर इसके बावजूद सड़क पर ऐसे वाहन चलाते हुए पकड़े जाने पर चालानी कार्रवाई के साथ- साथ वाहनों की जब्ती की जाएगी।
बता दें कि केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्रालय की तरफ से जारी नए मोटर यान अधिनियम को देखते हुए छत्तीसगढ़ परिवहन विभाग द्वारा सभी RTO को इसके निर्देश दिए गए हैं। RTO को फिटनेस जांच कराने के लिए आने वाले 15 साल पुराने वाहनों के दस्तावेजों की जांच करने के लिए अभियान चलाने के लिए कहा गया है। 15 साल पुराने वाहनों के परमिट और रजिस्ट्रेशन को एक अप्रैल के बाद से स्वमेव ही निरस्त माना जाएगा।
बिना अनुमति पत्र के ऐसे वाहन को चलाने वालों को पकड़ने के लिए अभियान भी चलाया जाएगा। ज्ञात हो कि केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने इस अधिनियम की आधिकारिक घोषणा की थी और फिर इसके बाद केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्रालय के अपर सचिव महमूद अहमद के हस्ताक्षर से आदेश भी जारी किए गए हैं। परिवहन विभाग को यह आदेश मिल चुका है।
बता दें कि केंद्रीय मोटरयान अधिनियम के अंतर्गत सभी केंद्रीय कार्यालय, राज्य के सभी शासकीय विभाग, नगर पालिका, नगर निगम, पंचायत, सड़क परिवहन निगम के अधीन राज्य परिवहन उपक्रम या किसी सार्वजनिक क्षेत्र का उपक्रम, केंद्र सरकार और राज्य सरकार द्वारा के स्वामित्व या नियंत्रणाधीन स्वायत्त निकाय के वाहनों पर यह नियम लागू होगा।
वहीं 15 साल पुराने हो चुके ऐसे वाहनों को नीलामी में खरीदी करने पर इनका दोबारा पंजीयन भी नहीं किया जाएगा। बताते चलें कि इन वाहनों को स्क्रैप कराना पड़ेगा। नए मोटरयान अधिनियम के अंतर्गत देश की रक्षा और आंतरिक कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले बख्तरबंद और विशेष वाहन को इस अधिनियम में छूट दी गई है।
वहीं परिवहन विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक नया मालवाहक, यात्री बस या फिर अन्य किसी भी कमर्शियल वाहनों की खरीदी करने पर प्रथम दो वर्ष फिटनेस की छूट मिलती है। इसके बाद छह वर्ष तक एक-एक साल के लिए फिटनेस सर्टिफिकेट जारी किया जाता है। उसके बाद वाहन की स्थिति को देखते हुए संबंधित जिला आरटीओ द्वारा फिटनेस प्रमाण-पत्र दिया जाता है।
इसकी अधिकतम सीमा 15 वर्ष तक के लिए निर्धारित की गई है। इस अवधि के बाद वाहनों को कंडम मान लिया जाता है। वहीं किसी भी तरह की अनहोनी को देखते हुए इसे सड़कों पर चलाने की अनुमति नहीं होती है। 15 वर्ष पुराने निजी वाहनों को खरीदने पर उन्हें फिटनेस जांच करानी पड़ेगी।
इस दौरान वाहन के फिट होने पर तीन से पांच वर्ष के लिए दोबारा पंजीयन किया जाएगा। क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी शैलाभ साहू ने कहा, नए मोटरयान अधिनियम का कड़ाई से पालन कराया जाएगा। नए अधिनियम में 15 वर्ष से ज्यादा पुराने सरकारी वाहनों के पंजीयन पर प्रतिबंध लगाया गया है। एक अप्रैल से ऐसे वाहनों को सड़क पर वाहन चलते हुए पाए जाने पर जब्त करने के साथ ही चालानी कार्रवाई की जाएगी।
- 6,00000 कुल मालवाहक वाहन।
- 2,50,000 बिना फिटनेस दौड़ रहे वाहन।
- 1,800 पंद्रह वर्ष पुराने कमर्शियल वाहन। First Updated : Tuesday, 14 March 2023