संवाददाता: राकेश गोसाई (गुजरात)
विधानसभा चुनाव को लेकर हर पार्टी अपने-अपने तरीके से राजनीतिक मुद्दे बना रही है। गुजरात में सत्ताधारी दल के सामने ड्रग्स का मुद्दा सबसे ज्यादा गरमा गया है। उस समय भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के प्रवक्ता अतुल पाटिल ने कहा था कि गुजरात में जिस तरह से ड्रग्स की तस्करी की जा रही है, उससे एक बात स्पष्ट है कि यह रैकेट लंबे समय से चल रहा था, लेकिन सरकार की इच्छाशक्ति की कमी के कारण यह ऑपरेशन नहीं हो रहा था, लेकिन जब विपक्ष के दबाव में आ गया तभी सफल उठा और ड्रग्स पकडऩे का काम शुरू किया। जो अपनी उपलब्धि गिन रहे हैं, वे दुखी हैं। यह खुलासा किया जाना चाहिए कि गुजरात में ड्रग माफिया को किन राजनीतिक नेताओं ने समर्थन दिया था।
कांग्रेस नेताओं ने ड्रग्स रैकेट को राजनीतिक मुद्दा बना लिया है और गुजरात में आने वाले नशीले पदार्थों पर सवाल उठा रहे हैं। इसका मास्टर माइंड कौन है इसका जवाब दिया जाना चाहिए। राहुल गांधी ने जब सत्ताधारी दल पर दबाव डाला तो उन्होंने जाकर ड्रग्स लेना शुरू कर दिया। अगर हम गुजरात की धरती पर सत्ता में आते हैं तो हम जांच करेंगे कि कौन ड्रग माफिया का समर्थन कर रहा है और उन्हें सलाखों के पीछे फेंक देगा।
भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के प्रवक्ता अतुल पाटिल ने कहा कि हर्ष सांघवी को बताना चाहिए कि अब तक ड्रग्स क्यों नहीं पकड़ा गया। गहन जांच होनी चाहिए। गुजरात के राजनीतिक समर्थन की जांच होनी चाहिए और उन्हें सलाखों के पीछे डालना चाहिए। पंजाब इंटरनेशनल सिंडिकेट को राजनीतिक इच्छा शक्ति के साथ तेज किया गया था। विक्रम मजेठिया अकाली दल के साथ थे और उन्होंने भाजपा का समर्थन किया। ऐसे नेताओं को रैकेट में पकड़ा गया और अंतरराष्ट्रीय सिंडिकेट का पर्दाफाश हुआ। गुजरात में जब सालों से भारतीय जनता पार्टी की सरकार है तो गुजरात में इतने सालों से ड्रग्स आ रहा होता तो शायद उसे राजनीतिक समर्थन मिलता। First Updated : Monday, 12 September 2022