मां ने प्रेमी से बात करना बंद कर दिया तो 15 साल की बेटी को देने लगी नींद की गोलियां और फिर एक दिन...!
लखनऊ में एक दिलचस्प और चौंकाने वाली घटना सामने आई है, जहां 15 साल की लड़की ने अपनी मां को नींद की गोलियां देनी शुरू कर दीं ताकि वह अपनी मां से छिपकर पड़ोसी लड़के से बात कर सके। ये गोलियां उसकी मां के खाने में डालकर दी जाती थीं, जिससे वह गहरी नींद में चली जाती। आखिरकार, जब यह खुलासा हुआ, तो सब हैरान रह गए। लड़की ने अपनी गलती कबूल की है, और अब उसकी काउंसलिंग की जा रही है। आखिर इस अजीब हरकत के पीछे क्या वजह थी? जानने के लिए पूरी खबर पढ़ें!
Crime News: उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के कृष्णा नगर से एक हैरान करने वाली खबर सामने आई है, जहां एक 15 साल की लड़की ने अपनी मां के साथ ऐसा कृत्य किया, जिसने मां-बेटी के रिश्ते को शर्मसार कर दिया। यह घटना उस वक्त सामने आई जब लड़की की मां की तबीयत लगातार खराब होने लगी और वह अक्सर थकान, कमजोरी और गहरी नींद की समस्या से जूझ रही थी।
नींद की गोलियों के ओवरडोज का खुलासा
लड़की की मां जो एक बुटीक चलाती थी, पिछले कुछ समय से अपनी तबीयत को लेकर परेशान थी। उन्होंने डॉक्टर से सलाह ली और जांच में यह खुलासा हुआ कि उनकी कमजोरी और नींद की समस्या नींद की गोलियों के ओवरडोज़ की वजह से हो रही थी। डॉक्टर के कहने पर जब घरवालों ने मामले की जांच शुरू की, तो पता चला कि यह गोलियां उनकी बेटी ने ही जानबूझकर उनके खाने में मिलाई थी।
लड़की ने क्यों किया ऐसा?
पूछताछ में लड़की ने स्वीकार किया कि वह पड़ोसी लड़के से बात करना चाहती थी, लेकिन उसकी मां ने उसका मोबाइल फोन बंद कर दिया था, जिससे उसकी बात-चीत रुक गई। इस वजह से उसने अपनी मां को बेहोश करने की योजना बनाई ताकि वह बेफिक्र होकर लड़के से बात कर सके। लड़की ने बताया कि वह रात को तीन से चार नींद की गोलियां अपनी मां के खाने में डाल देती थी और जैसे ही उसकी मां सो जाती, वह इंस्टाग्राम पर घंटों उस लड़के से बातचीत करती थी।
लड़की की काउंसलिंग जारी
इस मामले के सामने आने के बाद लड़की को लोकबंधु अस्पताल में काउंसलिंग के लिए भेजा गया है। अस्पताल की स्टाफ मैनेजर अर्चना सिंह ने बताया कि लड़की ने अपनी गलती स्वीकार कर ली है और अब उसे एक हफ्ते तक काउंसलिंग दी जाएगी। लड़की ने बताया कि उसे अकेलापन महसूस होता था, इसलिए उसने इस तरीके से अपने दिल की बात करने के लिए लड़के से दोस्ती की थी।
माता-पिता को बच्चों को समय देना जरूरी
अर्चना सिंह ने यह भी बताया कि आजकल माता-पिता अपने काम में इतने व्यस्त रहते हैं कि वे बच्चों को पर्याप्त समय नहीं दे पाते। इस वजह से बच्चे अकेलेपन का शिकार हो जाते हैं और गलत रास्ते पर भी जा सकते हैं। उन्होंने कहा कि माता-पिता और परिवार के अन्य सदस्य बच्चों को समय देने की कोशिश करें, ताकि ऐसी घटनाओं को रोका जा सके।
क्या हो सकती है इससे सीख?
इस पूरे मामले में सबसे अहम सीख यह है कि बच्चों के अकेलेपन और उनकी जरूरतों को समझना बहुत ज़रूरी है। माता-पिता को चाहिए कि वे अपने बच्चों के साथ ज्यादा समय बिताएं और उनके मानसिक और भावनात्मक स्वास्थ्य का ध्यान रखें। अगर ऐसा होता, तो शायद यह घटना कभी नहीं होती।
मां-बेटी के रिश्ते की ओर एक गंभीर सवाल
इस घटना ने एक बार फिर से यह सवाल खड़ा किया है कि आज के दौर में रिश्तों की अहमियत क्या रह गई है? बच्चों और माता-पिता के बीच आपसी संवाद और समझ की कमी ऐसी घटनाओं को जन्म देती है। इसलिए यह जरूरी है कि हम अपने परिवार के हर सदस्य से अच्छे रिश्ते बनाए रखें और उनकी भावनाओं को समझें।
यह मामला लखनऊ में चर्चा का विषय बना हुआ है और आने वाले दिनों में यह देखना होगा कि इस परिवार का क्या होता है और लड़की के भविष्य को लेकर क्या कदम उठाए जाते हैं।