घनाराम इंफ्रा प्राइवेट लिमिटेड और उनके सहयोगियों के यहां आयकर विभाग के छापे पर अब बड़ा खुलासा हुआ है। आयकर विभाग ने 14 दिन बाद प्रेस विज्ञप्ति जारी कर दावा किया है कि छापे के दौरान 250 करोड़ रुपये की फर्जी बिलिंग के साक्ष्य मिले हैं। यह छापे झांसी और कई जिलों में मारे गए थे। विज्ञप्ति के मुताबिक घनाराम इंफ्रा प्राइवेट लिमिटेड के पास से 10.13 करोड़ रुपये नकदी और 5.16 करोड़ रुपये के आभूषण मिले है। सहयोगियों ने स्वेच्छा से 153 करोड़ रुपये की अतिरिक्त आय पेश की है। उल्लेखनीय है कि समाजवादी पार्टी के पूर्व एमएलसी श्याम सुंदर सिंह और उनका परिवार घानाराम इंफ्रा इंजीनियर्स प्राइवेट लिमिटेड झांसी के नाम पर ठेकेदारी करता है। यह परिवार रियल एस्टेट का भी कारोबार करता है।
आयकर विभाग ने 03 अगस्त को झांसी स्थित सिविल लाइंस निवासी पूर्व एमएलसी और उनके भाई विशुन सिंह समेत उनके सहयोगियों और सीए के ठिकानों पर छापा मारा था। यह छापे झांसी, दिल्ली, लखनऊ, गोवा और कानपुर स्थित 35 परिसरों में मारे गए थे। इस दौरान असत्यापित विविध लेनदारों और क्वांटम का फर्जी खर्च लगभग 250 करोड़ रुपये मिला। इन लेनदारों का उपयोग मुनाफे को कम करने के लिए किया गया। आयकर विभाग की विज्ञप्ति के मुताबिक करोड़ों रुपये के ऐसे नकद लेनदेन में तीसरे पक्षों के नाम भी सामने आए हैं।
इनकी भूमिका भूमि और अचल संपत्ति के सौदों में सामने आई है। तीसरे पक्ष की कई रजिस्ट्रियां जब्त की गई हैं। छापों के दौरान 15.74 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त की गई, जिसमें से 10.13 करोड़ रुपये की नकदी और 5.61 करोड़ रुपये के आभूषण शामिल हैं। झांसी में श्यामसुंदर सिंह यादव, उनके भाई विशन सिंह यादव, बसेरा बिल्डर्स के मालिक सिविल लाइंस निवासी वीरेंद्र राय ,जानकीपुरम कालोनी निवासी विजय सरावगी, दिनेश सेठी, राकेश बघेल, संजय अरोरा, आनंद अग्रवाल, आईपी भल्ला, शिवा सोनी आदि रियल एस्टेट कारोबारियों के यहां छापा मारा गया था। First Updated : Wednesday, 17 August 2022