India Daily Exclusive: संभल दंगे का पर्दाफाश; 90 मिनट में मस्जिद में जुटे 60,000 लोग

Sambhal riots: उत्तर प्रदेश के संभल में हुए दंगों की असलियत अब सामने आ चुकी है. इंडिया डेली की अंडरकवर टीम ने इस बड़े खुलासे को अंजाम दिया. इस स्टिंग ऑपरेशन ने दंगों की एक नई कहानी को उजागर किया है. आइए जानते हैं कि कैसे देखते ही देखते मस्जिद के बाहर मात्र डेढ़ घंटे में 60000 लोग इकट्ठा हो गए और इनकी प्लानिंग क्या थी?

Shivani Mishra
Edited By: Shivani Mishra

Sambhal riots: उत्तर प्रदेश के संभल में हुए दंगों की असलियत अब सामने आ चुकी है. इंडिया डेली की अंडरकवर टीम ने इस बड़े खुलासे को अंजाम दिया, जिससे यह साफ होता है कि कैसे देश में घटनाओं को सांप्रदायिक रंग देकर दंगों में बदला जाता है. इस रिपोर्ट में मस्जिदों और धार्मिक स्थलों का इस्तेमाल गैरकानूनी गतिविधियों के लिए किए जाने का दावा किया गया है. इस स्टिंग ऑपरेशन ने दंगों की एक नई कहानी को उजागर किया है.

इंडिया डेली ने अपनी जांच में पाया कि संभल की जामा मस्जिद के वजू खाने की घटना को किस तरह अफवाहों के जरिए दंगे का रूप दिया गया. इसके साथ ही, मस्जिदों में बिजली चोरी के मामलों पर भी बड़ा खुलासा हुआ है. आइए, जानते हैं ऑपरेशन संभल की पूरी सच्चाई.

90 मिनट में जुटे 60,000 लोग

संभल की जामा मस्जिद के केयरटेकर ने इंडिया डेली की अंडरकवर टीम को बताया कि सुबह 10:30 बजे तक मस्जिद के बाहर लगभग 5,000 लोग मौजूद थे. लेकिन 11:30 बजे तक यह संख्या 60,000 तक पहुंच गई. यह सवाल उठता है कि इतनी बड़ी भीड़ इतनी जल्दी कैसे जुटी? 

मस्जिद की खुदाई की फैली अफवाह

दरअसल मस्जिद के वजू खाने से पानी निकालने के लिए पाइप का इस्तेमाल किया गया था. जब पानी मस्जिद की सीढ़ियों से नीचे बहने लगा, तो बाहर खड़ी भीड़ ने अफवाह फैला दी कि मस्जिद की खुदाई हो रही है. यह झूठी सूचना दंगे का कारण बनी.

दंगों में मारे गए लोग दोषी थे

केयरटेकर ने यह दावा किया कि हिंसा में जो लोग मारे गए, वे सभी दोषी थे. उन्होंने कहा, "जो भी मरा, वह बेगुनाह नहीं था." मस्जिद के केयरटेकर ने बताया कि वजू खाने में पानी लगभग दो-तीन फीट था. इसे एसडीएम के निर्देश पर निकाला गया. हालांकि, मस्जिद कमेटी ने सर्वे को लेकर कोई स्पष्ट बयान नहीं दिया.

बिजली चोरी का नया खुलासा

दंगों के बाद संभल की एक अन्य मस्जिद, लदानिया, सुर्खियों में आई. यहां बिजली चोरी के मामले में नौ लाख इकतालीस हजार का जुर्माना लगाया गया है. इंडिया डेली की टीम ने इस मस्जिद का दौरा किया और पाया कि मस्जिद के छत पर कटी हुई तारें बिखरी हुई थीं. जब मस्जिद के केयरटेकर नासिर पहलवान से सवाल किया गया, तो उन्होंने शुरुआत में बिजली चोरी से इनकार किया. लेकिन जब टीम ने उनसे जुर्माने का कारण पूछा, तो वह घबरा गए और सच उगलने लगे. नासिर ने स्वीकार किया कि मस्जिद से बिजली चोरी हो रही थी और इसका इस्तेमाल आसपास के घरों में किया जा रहा था.

संभल में 1,000 से अधिक बिजली चोरी के केस

संभल में अब तक मस्जिदों और मदरसों पर बिजली चोरी के चार मामले दर्ज हो चुके हैं. प्रशासन ने पांच करोड़ बीस लाख रुपये का जुर्माना लगाया है. इंडिया डेली की टीम ने इस स्टिंग ऑपरेशन के जरिए दिखाया कि किस तरह मस्जिदों को मिनी पावर स्टेशन की तरह इस्तेमाल किया जा रहा है.

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19 December 2024, 10:30 PM IST

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