India vs Bharat Row: भारतीय जनता पार्टी के सांसद दिलीप घोष ने रविवार को विवादित बयान दिया है, उन्होंने कहा कि गुलामी की निशानी को मिटाने के लिए इंडिया का नाम बदलकर भारत रखा जाएगा. इस बयान पर बवाल मच गया है. दिलीप घोष ने आगे कहा कि जिन्हें पसंद नहीं है, वह देश छोड़कर जा सकते हैं. इस दौरान उन्होंने टीएमसी और भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी पर भी निशाना साधा. सांसद ने कहा कि टीएमसी के मेरे दोस्तों को शायद पता नहीं होगा कि वे भारत क्यों कह रहे हैं और इसके पीछे की हिस्ट्री क्या है. वहीं, सीपीआई वालों को समझाना तो और भी मुश्किल है, क्योंकि वो तो सिर्फ विदेश में ही रहते हैं.
बता दें कि खड़गपुर के एक कार्यक्रम चाय पर चर्चा के दौरान बीजेपी सांसद दिलीपी घोष ने विदेशियों की मूर्तियों को लेकर निशाना साधा और कहा कि पश्चिम बंगाल में जब भी बीजेपी सत्ता में आएगी तो वह सबसे पहले विदेशी लोगों की मूर्तियों को हटवा देगी. वहीं, राज्य में बीजेपी के नेता राहुल सिन्हा ने कहा कि एक दो नाम कैसे हो सकते हैं. अब नाम बदलने का सही वक्त आ गया है.
बीजेपी के नेताओं का बयान ऐसे वक्त में आया है जब जी-20 के शिखर सम्मेलन में प्रेसिडेंट ऑफ भारत और प्राइम मिनिस्टर ऑफ भारत का इस्तेमाल किया गया था. वहीं, विपक्षी पार्टियों के बीच बने नए गठबंधन I.N.D.I.A ने मोदी सरकार पर निशाना भी साधा था. टीएमसी के प्रवक्ता शांतुन सेन ने आरोप लगाया कि बीजेपी असली मुद्दों से ध्यान भटकाने के लिए ऐसे बयान देती है. साथ ही वह विपक्षी गठबंधन से डरी हुई है.
वहीं, देश इतिहासकारों ने पीटीआई एजेंसी से बात करते हुए कहा कि ईसा पूर्व पांचवी शताब्दी में ग्रीक मूल का इंडिया शब्द है, इससे अंग्रेजों का कोई लेना-देना नहीं है. उन्होंने औपनिवेशिक शब्द को बताने वाले लोगों को सिरे खारिज कर दिया. साथ ही उन्होंने आगे कहा कि भारतीय संविधान के अनुच्छेद एक में इंडिया और भारत दोनों शब्दों का जिक्र किया गया, इसलिए इंडिया, देट इज भारत है. First Updated : Monday, 11 September 2023