'इंदौर में भिखारी मुक्त मिशन: 1 जनवरी से भीख देने वालों पर FIR!'
इंदौर में अब भिखारियों को भीख देने वालों पर कार्रवाई की जाएगी. 1 जनवरी से शुरू होने वाले इस नियम के तहत, जो भी भिखारी को भीख देगा, उसके खिलाफ एफआईआर दर्ज की जाएगी. प्रशासन ने पहले ही भीख मांगने पर प्रतिबंध लगाने का आदेश जारी कर दिया है. हाल में हुए अभियान में 14 भिखारियों को पकड़ा गया था और प्रशासन अब भिक्षावृत्ति से जुड़े गिरोहों पर कड़ी नजर रखे हुए है. जानें इस अभियान के बारे में और कैसे इंदौर को भिखारी मुक्त बनाने की योजना है.
Indore Beggar Free Mission: इंदौर, जिसे मध्य प्रदेश का मिनी मुंबई कहा जाता है, अब भिखारियों से मुक्त होगा. 1 जनवरी, 2025 से इंदौर में भिखारियों को भीख देने वाले लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की जाएगी. यह फैसला शहर को भिखारियों से मुक्त बनाने के लिए लिया गया है. प्रशासन का यह कदम तब आया है जब हाल ही में पुलिस और प्रशासन ने भिक्षावृत्ति को रोकने के लिए एक अभियान चलाया और 14 भिक्षुओं को पकड़ा.
क्या है प्रशासन का नया कदम?
इंदौर कलेक्टर आशीष सिंह ने जानकारी दी कि प्रशासन ने पहले ही इंदौर में भीख मांगने पर प्रतिबंध लगाने का आदेश जारी कर दिया है. कलेक्टर ने बताया, 'हमने जागरूकता अभियान शुरू किया है, जो दिसंबर के अंत तक शहर भर में चलेगा. यदि 1 जनवरी के बाद कोई भी व्यक्ति भिखारियों को भीख देता हुआ पाया जाता है, तो उसके खिलाफ एफआईआर दर्ज की जाएगी.' प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि वे भिखारियों को भीख देकर उनकी मदद न करें, क्योंकि इससे वे पाप के भागीदार बनते हैं.
भिखारियों के खिलाफ प्रशासन की कड़ी कार्रवाई
हाल के महीनों में प्रशासन ने इंदौर में भिखारी गिरोहों का पर्दाफाश किया और भीख मांगने में शामिल कई लोगों का पुनर्वास किया. हाल ही में हुई एक कार्रवाई में पुलिस ने राजवाड़ा के शनि मंदिर के पास एक महिला को पकड़ा, जिसके पास से 75 हजार रुपये बरामद हुए थे. महिला ने महज 10-12 दिनों में ये रुपये इकट्ठे किए थे, जिससे साफ है कि भिखारियों से जुड़े नेटवर्क कितने बड़े हैं.
केंद्रीय मंत्रालय का भिक्षुक मुक्त परियोजना
इंदौर को भिक्षुक मुक्त बनाने के लिए केंद्र सरकार ने एक पायलट प्रोजेक्ट भी शुरू किया है, जिसमें इंदौर सहित 10 प्रमुख शहरों को भिखारी मुक्त बनाने का लक्ष्य है. इंदौर प्रशासन ने इन गिरोहों पर कड़ी निगरानी रखी है और इस अभियान के तहत उन परिवारों पर भी ध्यान दिया जा रहा है, जो बार-बार भिक्षावृत्ति में लिप्त रहते हैं, भले ही उन्हें पहले भी पकड़ा जा चुका हो.
भिखारियों से मुक्त इंदौर का सपना
इंदौर को भिखारी मुक्त बनाने के इस अभियान को सफलता दिलाने के लिए प्रशासन लगातार कड़ी कार्रवाई कर रहा है. अधिकारियों का कहना है कि इस कदम से न केवल भिक्षावृत्ति पर काबू पाया जाएगा, बल्कि शहर की साफ-सफाई और सुरक्षा भी बढ़ेगी. अब देखना यह है कि प्रशासन के इस फैसले के बाद इंदौर में कितनी तेजी से बदलाव आता है और शहर को भिखारी मुक्त बनाने में सफलता मिलती है.