'इंशाअल्लाह हमारी जीत होगी' – तेजस्वी के बयान पर बिहार में सियासी घमासान!
तेजस्वी यादव के एक बयान ने बिहार की राजनीति में हलचल मचा दी है. उन्होंने वक्फ बिल के विरोध में मुस्लिम संगठनों के प्रदर्शन में शामिल होकर कहा, 'इंशाअल्लाह, हमारी जीत होगी.' इस बयान को लेकर BJP और JDU ने उन पर तीखा हमला बोला है. विपक्ष का आरोप है कि तेजस्वी यादव एक खास वर्ग को लुभाने की कोशिश कर रहे हैं जबकि RJD इसे सरकार के खिलाफ अपनी लड़ाई बता रही है. अब यह बयान चुनावी समीकरणों पर कितना असर डालेगा? जानिए पूरी खबर...

Bihar News: बिहार की राजनीति में इन दिनों जबरदस्त हलचल मची हुई है. जैसे-जैसे चुनाव नजदीक आ रहे हैं, वैसे-वैसे सभी पार्टियां अपनी रणनीतियां बना रही हैं. इसी बीच, आरजेडी नेता तेजस्वी यादव के 'इंशाअल्लाह' बयान पर विवाद छिड़ गया है. बीजेपी और जेडीयू इसे मुस्लिम तुष्टिकरण से जोड़ रही हैं तो वहीं आरजेडी और कांग्रेस इसे लोकतांत्रिक अधिकार बता रही हैं. बिहार की सियासत में यह बयान एक नई बहस का मुद्दा बन गया है.
क्या कहा तेजस्वी यादव ने?
तेजस्वी यादव ने हाल ही में वक्फ बोर्ड बिल के खिलाफ हो रहे विरोध प्रदर्शन में हिस्सा लिया. इस दौरान उन्होंने कहा, 'हम इस बिल का हर जगह विरोध करेंगे. सरकार तानाशाही रवैया अपना रही है. अगर हम एकजुट होकर लड़ेंगे, तो इंशाअल्लाह, हमारी जीत होगी.' इस बयान के बाद बिहार की राजनीति में भूचाल आ गया. बीजेपी और जेडीयू ने इसे सांप्रदायिकता से जोड़ दिया, जबकि आरजेडी इसे एक सामान्य अभिव्यक्ति बता रही है.
बीजेपी और जेडीयू का हमला
बीजेपी ने तेजस्वी के इस बयान को मुस्लिम तुष्टिकरण की राजनीति करार दिया. बीजेपी नेता तारकिशोर प्रसाद ने कहा, 'तेजस्वी यादव इंशाअल्लाह शब्द का इस्तेमाल कर रहे हैं, जिससे साफ है कि वे एक विशेष वर्ग के वोट के लिए राजनीति कर रहे हैं. यह बिहार को धार्मिक आधार पर बांटने की कोशिश है.' वहीं, जेडीयू के विधायक पंकज मिश्रा ने कहा, 'हम सभी धर्मों और जातियों को साथ लेकर चलते हैं. तेजस्वी यादव अगर इस तरह के बयान देते हैं, तो इसका कोई मतलब नहीं बनता.'
आरजेडी और कांग्रेस की सफाई
बीजेपी और जेडीयू के हमले के बाद आरजेडी ने पलटवार किया. पार्टी प्रवक्ता चितरंजन गगन ने कहा, 'बीजेपी खुद धर्म की राजनीति करती है. आज भी बिहार में उसकी स्थिति ठीक नहीं है, इसलिए वह ऐसे मुद्दे उछाल रही है.' कांग्रेस भी तेजस्वी के समर्थन में आई और कहा कि बीजेपी खुद धार्मिक ध्रुवीकरण करने में लगी रहती है.
बीजेपी का तर्क – 'यही बयान पीएम या योगी देते तो?'
बीजेपी प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने इस पर तंज कसते हुए कहा, 'अगर प्रधानमंत्री मोदी या यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ यही बयान देते कि "हम एक रहेंगे तो सुरक्षित रहेंगे", तो इसे साम्प्रदायिकता करार दिया जाता. लेकिन जब तेजस्वी ऐसा कहते हैं, तो इसे सामान्य मान लिया जाता है.'
क्या है वक्फ बोर्ड बिल विवाद?
वक्फ बोर्ड बिल को लेकर बिहार में विरोध प्रदर्शन चल रहे हैं. मुस्लिम संगठनों का कहना है कि यह बिल उनके अधिकारों को प्रभावित करेगा. तेजस्वी यादव ने भी इस विरोध में हिस्सा लिया और मंच से सरकार पर निशाना साधा. उनका कहना था कि यह बिल अलोकतांत्रिक और असंवैधानिक है.
बिहार चुनाव और मुस्लिम वोट बैंक
बिहार में मुस्लिम वोट बैंक हमेशा से निर्णायक रहा है. आरजेडी और कांग्रेस इसे साधने में लगी हैं, वहीं बीजेपी और जेडीयू इस वर्ग को अपने पक्ष में लाने की कोशिश कर रही हैं. इसीलिए, जैसे-जैसे चुनाव नजदीक आ रहे हैं, हर पार्टी अपनी रणनीति के तहत बयानबाजी कर रही है.
क्या होगा इस विवाद का असर?
तेजस्वी यादव का यह बयान आने वाले चुनाव में बड़ा मुद्दा बन सकता है. बीजेपी इसे तुष्टिकरण के रूप में भुनाने की कोशिश करेगी, तो आरजेडी इसे लोकतांत्रिक लड़ाई करार देगी. बिहार की राजनीति में धर्म और जाति हमेशा से बड़ा मुद्दा रहा है, और यह बयान इस आग में घी डालने का काम कर सकता है. अब देखना यह होगा कि चुनावी नतीजों पर इस विवाद का कितना असर पड़ता है.