अपने ही थाने में कैद हो गए दारोगा जी, जानें क्या है पूरा माजरा?
Jharkhand Police corruption: झारखंड के रांची में एक दारोगा को रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया गया. कोतवाली थाने में तैनात सब-इंस्पेक्टर पर आरोप है कि उन्होंने एक व्यक्ति से मोबाइल लौटाने के बदले 5000 रुपये की मांग की थी. एंटी करप्शन ब्यूरो की टीम ने शिकायत मिलने के बाद उन्हें उनके ही थाने से पकड़ लिया.

Jharkhand Police corruption: झारखंड के रांची में एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जहां कोतवाली थाने में तैनात एक दारोगा को रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया गया. सब-इंस्पेक्टर ऋषिकांत पर आरोप है कि उन्होंने एक व्यक्ति से मोबाइल छोड़ने के एवज में 5000 रुपये की मांग की थी. जबरन रिश्वत वसूलने की इस हरकत पर एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) ने त्वरित कार्रवाई करते हुए उन्हें उनके ही थाने से गिरफ्तार कर लिया. इस घटना के बाद थाना परिसर में हड़कंप मच गया.
शिकायतकर्ता ओम शंकर गुप्ता के मुताबिक, दारोगा ने रिश्वत देने के लिए दबाव बनाया और पैसे न देने पर उन्हें मोबाइल वापस न करने की धमकी दी. इस पर गुप्ता ने एंटी करप्शन ब्यूरो में शिकायत दर्ज कराई, जिसके बाद सत्यापन के दौरान दारोगा को रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ पकड़ लिया गया.
रंगे हाथ पकड़ा गया दारोगा
यह घटना रांची के कोतवाली थाना परिसर में घटी, जहां सब-इंस्पेक्टर ऋषिकांत को ACB की टीम ने धर दबोचा. जब अधिकारियों ने उन्हें गिरफ्तार किया, तो शुरुआत में थाने में अफरा-तफरी मच गई, क्योंकि वहां मौजूद लोगों को लगा कि किसी अपराधी को पकड़ा जा रहा है. लेकिन बाद में पता चला कि यह कार्रवाई खुद थाना में तैनात दारोगा के खिलाफ हो रही थी.
शिकायतकर्ता को दी गई थी धमकी
शिकायतकर्ता ओम शंकर गुप्ता के खिलाफ कोतवाली थाने में मामला दर्ज था, लेकिन उन्हें कोर्ट से जमानत मिल चुकी थी. इसके बावजूद दारोगा ने उनके मोबाइल को जब्त कर लिया और उसे लौटाने के बदले 5000 रुपये की मांग की. जब शिकायतकर्ता ने रिश्वत देने से इनकार किया, तो दारोगा ने कथित तौर पर कहा, "मोबाइल भूल जाओ." इस धमकी के बाद गुप्ता ने एंटी करप्शन ब्यूरो में शिकायत की, जिसके बाद यह कार्रवाई हुई.