Haryana Assembly Election Result: हरियाणा विधानसभा चुनाव के नतीजे आज यानी 8 अक्टूबर को जारी हो चुके हैं. जिसमें राज्य में भाजपा ने फिर से सत्ता में वापसी की है. बीजेपी को राज्य की 90 विधानसभा सीटों में से 48 सीटों पर बढ़त हासिल हुई है. कांग्रेस, जो 10 साल बाद सत्ता में वापसी का लक्ष्य लेकर चल रही थी, 37 सीटों पर सिमट गई है. इस बीच राज्य में कांग्रेस को मिली हार के बाद पार्टी के अंदर खींचतान मच गई है. कांग्रेस नेता कुमारी शैलजा ने भूपेंद्र सिंह हुड्डा पर परोक्ष हमला किया, जिनके नेतृत्व में पार्टी ने चुनाव लड़ा और राज्य में जीत हासिल करने में विफल रही.
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, कुमारी शैलजा ने जोर देकर कहा कि पार्टी के राष्ट्रीय नेतृत्व को राज्य में पार्टी को पुनर्जीवित करनेऔर हरियाणा विधानसभा चुनावों में इसके खराब प्रदर्शन के लिए जिम्मेदार लोगों की पहचान करने के लिए एक रणनीति तैयार करने की आवश्यकता है. इसके साथ ही शैलजा ने उन व्यक्तियों की पहचान करने की आवश्यकता पर भी जोर दिया, जिन्होंने राज्य में सत्ता हासिल करने के पार्टी के प्रयासों को कमजोर किया.
शैलजा ने मीडिया से बात करते हुए कहा, 'कांग्रेस कार्यकर्ताओं की निराशा से दुखी होकर मुझे विश्वास है कि पार्टी हाईकमान हार के कारणों का आकलन करेगा. हाईकमान को हरियाणा में पार्टी को पुनर्जीवित करने में मदद करने के लिए एक योजना तैयार करनी चाहिए और परिणामों के लिए जिम्मेदार लोगों की पहचान करनी चाहिए.' उन्होंने कहा, 'हरियाणा में अब पहले जैसा सब कुछ नहीं होगा और मुझे पूरा विश्वास है कि कांग्रेस आलाकमान उन लोगों की पहचान करेगा जिन्होंने 10 वर्षों के बाद पार्टी को सत्ता में लाने के प्रयासों को नकार दिया.'
भाजपा लगातार तीसरी बार राज्य में सरकार बनाने की उम्मीद कर रही है क्योंकि 90 सदस्यीय विधानसभा में उसे 48 सीटों पर बढ़त हासिल है. कांग्रेस, जो 10 साल बाद सत्ता में वापसी का लक्ष्य लेकर चल रही थी, 37 सीटों पर सिमट गई है. कांग्रेस की लोकसभा सांसद और पूर्व केंद्रीय मंत्री शैलजा ने कहा, 'मुझे यकीन है कि पार्टी हरियाणा में ऐसे नतीजों के लिए जिम्मेदार सभी पहलुओं पर गौर करेगी. उन्होंने यह भी कहा कि संगठन को प्रभावित करने वाले कारकों में सभी को साथ लेकर चलना और सभी नेताओं के बीच समन्वय सुनिश्चित करना शामिल है.
विधानसभा चुनाव से पहले ही हरियाणा कांग्रेस में गुटबाजी साफ दिख रही थी. शैलजा ने कई मौकों पर हुड्डा के नेतृत्व के खिलाफ अपनी चिंताएं सार्वजनिक तौर पर जाहिर की थीं. पूर्व मुख्यमंत्री और विधानसभा में विपक्ष के नेता भूपेंद्र हुड्डा पर आरोप लगाए गए थे कि वे कांग्रेस की राज्य इकाई को नियंत्रित करने का प्रयास कर रहे हैं. चुनाव से पहले, उनका जिक्र करते हुए शैलजा ने कहा था, 'ऐसे कई लोग हैं जो अकेले चलना चाहते हैं. जब कोई सहयोग न करने पर आमादा हो तो मैं कुछ नहीं कह सकती.'
भूपेंद्र हुड्डा को पार्टी का मुख्यमंत्री उम्मीदवार बनाने के हुड्डा खेमे के दबाव का भी शैलजा ने विरोध किया. उन्होंने पहले कहा था, "जब भी पार्टी की सरकार होती है, तो मुख्यमंत्री ही चुनाव का नेतृत्व करते हैं। पिछली परंपरा के अनुसार, जब हम विपक्ष में होते हैं, तो पार्टी कभी किसी को आगे नहीं बढ़ाती.'
कांग्रेस, जिसने हाल ही में हुए चुनाव में दस में से पांच लोकसभा सीटें जीतीं और 2019 में उसका वोट शेयर 28.42 प्रतिशत से बढ़कर 43.67 प्रतिशत हो गया, हरियाणा में वापसी की उम्मीद कर रही थी. हालांकि, कांग्रेस की आंतरिक कलह को दूर करने और एकजुट मोर्चा पेश करने में असमर्थता ने लोकसभा चुनाव की सफलता को राज्य विधानसभा में जीत में बदलने के उसके प्रयासों को बाधित किया. First Updated : Tuesday, 08 October 2024