कोलकाता में लेडी डॉक्टर के रेप और मर्डर का केस पूरे देश में चर्चा का विषय बना हुआ है. इस मामले की गंभीरता को देखते हुए CBI ने जांच की कमान अपने हाथ में ले ली है. इस बर्बर घटना के सामने आने के बाद लगातार नए - नए खुलासे हो रहे हैं. अब, पोस्टमार्टम रिपोर्ट के आधार पर एक डॉक्टर ने दावा किया है कि इस अपराध में एक से अधिक आरोपी शामिल हैं.
पश्चिम बंगाल में सीबीआई और एफएसएल की टीमें कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल पहुंच गई हैं, जहां एक महिला डॉक्टर के साथ बलात्कार और हत्या कर दी गई थी.कलकत्ता उच्च न्यायालय के आदेश के बाद, सीबीआई ने मामले को अपने हाथ में ले लिया है और दिल्ली से एक विशेष चिकित्सा और फोरेंसिक टीम भेजी है.
कोलकाता पुलिस ने इस मामले में गिरफ्तार संजय रॉय को सरकारी एसएसकेएम अस्पताल में मेडिकल जांच के बाद सीजीओ कॉम्प्लेक्स में सीबीआई के हवाले कर दिया है. मंगलवार शाम को, दो सीबीआई अधिकारी टाला पुलिस स्टेशन पहुंचे और कोलकाता पुलिस की जांच से जुड़े दस्तावेज़ अपने कब्जे में ले लिए, यह कार्रवाई कलकत्ता हाई कोर्ट के उस निर्देश के बाद की गई, जिसमें कोलकाता पुलिस को आदेश दिया गया था कि वह केस डायरी को शाम तक केंद्रीय जांच एजेंसी (सीबीआई) को सौंप दे और सभी दस्तावेज 14 अगस्त की सुबह 10 बजे तक सौंपे.
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, एक सोशल मीडिया अभियान के तहत सभी वर्गों के लोगों से इस विरोध प्रदर्शन में शामिल होने की अपील की जा रही है. इस अभियान को स्वतंत्रता की मध्यरात्रि पर महिलाओं की आजादी के लिए आयोजित किया जा रहा है. प्रतिभागियों को मोमबत्तियां थामने और शंख बजाने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है. कोलकाता के विभिन्न हिस्सों से लेकर बंगाल के अन्य शहरों तक सभा स्थलों की विस्तृत जानकारी साझा की जा रही है.
प्रशासन ने आरोपियों को बचाया: राहुल गांधी
कोलकाता रेप-मर्डर केस पर राहुल गांधी का प्रशासन पर निशाना इस दौरान उन्होंने (X) पर लिखा 'कोलकाता में जूनियर डॉक्टर के साथ हुई रेप और मर्डर की वीभत्स घटना से पूरा देश स्तब्ध है. उसके साथ हुए क्रूर और अमानवीय कृत्य की परत दर परत जिस तरह खुल कर सामने आ रही है, उससे डॉक्टर्स कम्युनिटी और महिलाओं के बीच असुरक्षा का माहौल है.पीड़िता को न्याय दिलाने की जगह आरोपियों को बचाने की कोशिश अस्पताल और स्थानीय प्रशासन पर गंभीर प्रश्न खड़े करता है.
आगे उन्होंने लिखा 'इस घटना ने सोचने पर मजबूर कर दिया है कि अगर मेडिकल कॉलेज जैसी जगह पर डॉक्टर्स सेफ नहीं हैं तो किस भरोसे अभिभावक अपनी बेटियों को पढ़ने बाहर भेजें? निर्भया केस के बाद बने कठोर क़ानून भी ऐसे अपराधों को रोक पाने में असफल क्यों हैं? हाथरस से उन्नाव, और कठुआ से लेकर कोलकाता तक महिलाओं के खिलाफ लगातार बढ़ती घटनाओं पर हर दल, हर वर्ग को मिलकर गंभीर विचार-विमर्श कर ठोस उपाय करने होंगे. मैं इस असहनीय कष्ट में पीड़िता के परिवार के साथ खड़ा हूँ. उन्हें हर हाल में न्याय मिले और दोषियों को ऐसी सज़ा मिले जो समाज में एक नजीर की तरह प्रस्तुत की जाए.' First Updated : Wednesday, 14 August 2024