Maharashtra assembly election results: महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों के नतीजे दिखाते हैं कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की चुनावी सफलता में अहम भूमिका निभा रहा है. चुनावी परिणामों के अनुसार, बीजेपी और उसके सहयोगियों ने 288 विधानसभा सीटों में से 230 सीटें जीती हैं, जबकि विपक्षी गठबंधन कांग्रेस, उद्धव ठाकरे नीत शिवसेना और एनसीपी को केवल 46 सीटें मिली हैं.
चुनाव से पहले, आरएसएस ने बीजेपी के पक्ष में जनमत तैयार करने के लिए एक बड़ा संपर्क अभियान चलाया था. इस अभियान में बीजेपी ने अपने सहयोगी संगठनों के साथ मिलकर काम किया था.
सूत्रों के अनुसार, आरएसएस ने राज्य के विभिन्न हिस्सों में छोटी-छोटी टोली बनाकर लोगों से मुलाकात की. इन टोलियों ने अपने मोहल्लों में छोटे समूहों से मिलकर राष्ट्रीय हित, हिंदुत्व, विकास, और समाज से जुड़े मुद्दों पर चर्चा की और लोगों से संपर्क किया, बिना सीधे तौर पर बीजेपी का समर्थन किए.
महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने हाल ही में कहा था कि लोकसभा चुनावों में बीजेपी की सीटें कम होने के बाद, उन्होंने संघ से मदद मांगी थी. इसके बाद, फडणवीस ने नागपुर में आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत से मुलाकात की थी.
केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में बीजेपी नीत महायुति की ऐतिहासिक जीत के लिए महाराष्ट्र के लोगों को बधाई दी. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार समग्र विकास और लोगों की उम्मीदों को पूरा करने के लिए काम करेगी.
गडकरी ने उन स्वैच्छिक संगठनों का भी धन्यवाद किया, जिन्होंने चुनावों के दौरान मतदाता जागरूकता बढ़ाने के लिए कड़ी मेहनत की. ऐसा माना जाता है कि आरएसएस द्वारा हरियाणा विधानसभा चुनावों के दौरान आयोजित छोटी-छोटी बैठकों का बीजेपी की जीत में अहम योगदान था.
सूत्रों के अनुसार, आरएसएस ने हरियाणा विधानसभा चुनावों के दौरान राज्यभर में 1.25 लाख से अधिक छोटी-छोटी बैठकें आयोजित कीं. इसके कारण, बीजेपी ने 90 सदस्यीय विधानसभा में 48 सीटें जीतकर अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया और कांग्रेस की वापसी के प्रयासों को नाकाम कर दिया.
इस साल लोकसभा चुनावों में बीजेपी का प्रदर्शन उम्मीद से कम था, और माना जाता है कि इसका कारण आरएसएस और बीजेपी कार्यकर्ताओं का उत्साह न होना था. बीजेपी अध्यक्ष जे.पी. नड्डा की वह टिप्पणी, जिसमें उन्होंने कहा था कि पार्टी को शुरुआत में आरएसएस के समर्थन की जरूरत थी, लेकिन अब पार्टी खुद को चलाने में सक्षम है, ने भी कार्यकर्ताओं का मनोबल प्रभावित किया था. First Updated : Sunday, 24 November 2024