J&K में मुरलीधरन को दी गई मुफ्त जमीन, J&K सरकार के कदम पर विपक्ष ने उठाए सवाल

जम्मू और कश्मीर सरकार ने विपक्षी नेताओं के सवालों का सामना किया है, जब यह खबर सामने आई कि श्रीलंकाई क्रिकेटर मुथैया मुरलीधरन को उनकी कंपनी, सीलोन बेवरेजेस के लिए काथुआ जिले में 25.75 एकड़ ज़मीन मुफ्त में दी गई. यह ज़मीन एक बोतल-फिलिंग और एल्युमिनियम कैन मैन्युफैक्चरिंग यूनिट के निर्माण के लिए आवंटित की गई थी. विपक्षी विधायक इस फैसले पर सवाल उठा रहे हैं, और इस मामले की उच्च-स्तरीय जांच की मांग कर रहे हैं.

Deeksha Parmar
Edited By: Deeksha Parmar

जम्मू और कश्मीर में विपक्षी नेताओं ने राज्य सरकार की निंदा की है, जब यह खबर सामने आई कि पूर्व श्रीलंकाई क्रिकेटर मुथैया मुरलीधरन को उनकी कंपनी, सीलोन बेवरेजेस के लिए काथुआ जिले में ज़मीन 'मुफ्त' में दी गई है. मुरलीधरन की कंपनी के लिए यह ज़मीन एक बड़ी बोतल-फिलिंग और एल्युमिनियम कैन मैन्युफैक्चरिंग यूनिट के लिए आवंटित की गई है, जिसकी लागत लगभग 1,600 करोड़ रुपये बताई जा रही है.

इस फैसले को लेकर विपक्षी विधायक गंभीर चिंता जता रहे हैं और मामले की उच्च-स्तरीय जांच की मांग कर रहे हैं. हालांकि, जम्मू और कश्मीर सरकार ने इस मामले पर टिप्पणी करते हुए कहा कि उन्हें इस बारे में कोई जानकारी नहीं है और वह इस मामले की सच्चाई जानने के लिए संबंधित विभाग से जानकारी हासिल करेंगे.

मुरलीधरन की कंपनी को मुफ्त जमीन आवंटन पर सवाल

रिपोर्ट्स के अनुसार, मुथैया मुरलीधरन की कंपनी, सीलोन बेवरेजेस को काथुआ जिले में 25.75 एकड़ ज़मीन आवंटित की गई है. यह ज़मीन कंपनी को बिना किसी शुल्क के दी गई है ताकि वह अपने 1,600 करोड़ रुपये के परियोजना के तहत बोतल-फिलिंग और एल्युमिनियम कैन मैन्युफैक्चरिंग यूनिट स्थापित कर सके. इस फैसले ने राज्य सरकार और विपक्षी पार्टियों के बीच एक नया विवाद खड़ा कर दिया है.

विपक्षी नेताओं का गुस्सा

शनिवार को कश्मीर विधानसभा में विपक्षी दलों के कई विधायक इस मुद्दे को लेकर सवाल उठाने पहुंचे. सीपीआई (एम) के विधायक एम.वाई. तारिगामी ने इस मुद्दे पर कड़ा सवाल उठाया और सरकार से जवाब की मांग की कि क्यों एक विदेशी नागरिक को बिना कोई राशि दिए ज़मीन दी गई. वहीं, कांग्रेस विधायक जी.ए. मीर ने इसे "गंभीर मामला" बताते हुए कहा कि यह एक जांच का विषय बनता है, यह जानने के लिए कि कैसे एक गैर-भारतीय को ज़मीन दी गई.

सरकार का जवाब: 'जानकारी जुटाई जाएगी'

विपक्षी नेताओं के सवालों का जवाब देते हुए कृषि उत्पादन मंत्री जावेद अहमद डार ने कहा, "यह मामला राजस्व विभाग से संबंधित है. हमारे पास इस मामले की कोई जानकारी नहीं है, और हम इस पर ध्यान देंगे ताकि सच्चाई सामने आ सके." सरकार की ओर से इस मामले की जांच का वादा किया गया है, ताकि यह स्पष्ट हो सके कि ज़मीन के आवंटन में कोई अनियमितता तो नहीं हुई है.

सरकार पर उठे सवाल

इस मामले ने जम्मू और कश्मीर की सरकार पर कई सवाल खड़े कर दिए हैं, खासकर उस संदर्भ में, जब ज़मीन आवंटन के नियमों को लेकर पहले से ही कई विवाद उठ चुके हैं. विपक्षी दलों का कहना है कि ऐसे फैसले राज्य की पारदर्शिता और खाद्य सुरक्षा पर भी सवाल खड़ा करते हैं. विपक्षी नेताओं ने मांग की है कि एक स्वतंत्र जांच से यह साफ किया जाए कि इस भूमि आवंटन के दौरान कोई नियमों का उल्लंघन हुआ है या नहीं.

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09 March 2025, 10:56 AM IST

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