जबलपुर: कूनो राष्ट्रीय उद्यान में चीतों के स्वास्थ्य, व्यवहार और हरकत पर नजर रखेंगे वेटरनरी विश्वविद्यालय वन्यजीव विशेषज्ञ

नामीबिया में जन्मे आठ चीतों के स्वास्थ्य से लेकर उनकी हर एक हरकत पर नजर रखने के लिए अब वेटरनरी विश्वविद्यालय जबलपुर के वाइल्ड लाइफ एक्सपर्ट मदद करेंगे

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मध्यप्रदेश। नामीबिया में जन्मे आठ चीतों के स्वास्थ्य से लेकर उनकी हर एक हरकत पर नजर रखने के लिए अब वेटरनरी विश्वविद्यालय जबलपुर के वाइल्ड लाइफ एक्सपर्ट मदद करेंगे। इसके लिए नानाजी देशमुख पशु चिकित्सा विज्ञान विश्वविद्यालय के वाइल्ड लाइफ फारेंसिक एंड हेल्थ स्कूल के तीन सदस्यीय टीम का गठन किया गया है।

टीम के सदस्य चीतों की क्वारंटाइन सुविधा तथा कूनो नेशनल पार्क में चीतों के स्वास्थ्य, व्यवहार और हरकत पर निगरानी रखेंगे। आपको बता दें केंद्र सरकार के अनुरोध पर विश्वविद्यालय द्वारा इस टीम का गठन किया गया है।

आगे की जानकारी देते हुए विश्वविद्यालय के कुलपति डा. एसपी तिवारी ने बताया कि उद्यान में चीतों के स्वास्थ्य, व्यवहार पर नजर रखने और उनकी हरकत का विश्लेषण करने के लिए तीन सदस्यीय टीम गठित की गई है। कुलपति ने बताया कि विश्वविद्यालय की इस टीम में डॉ. देवेंद्र पोढाडे, डॉ. सोमेश सिंह और डॉ. के.पी. सिंह को शामिल किया है।

आपको बता दें कि इसी साल 17 सितंबर (2022) को दक्षिण अफ्रीका के नामीबिया से देश में चीतों को फिर से लाने की महत्वाकांक्षी पहल के चलते आठ चीतों को मध्यप्रदेश राज्य में भेजा गया था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खुद कूनो राष्ट्रीय उद्यान में चीतों को छोड़ा था।

राष्ट्रीय उद्यान के अधिकारियों के अनुसार इस महीने की शुरुआत में तीन चीतों- ओबान, एल्टन, और फ्रेडी को उनके क्वारंटाइन क्षेत्र से हटाकर राष्ट्रीय उद्यान में उनके अनुकूल बड़े बाड़े में ले जाया गया। उन्होंने बताया ओबैन को 18 नवंबर को संगरोध क्षेत्र से पांच वर्ग कि.मी. के क्षेत्र में फैले बड़े बाड़े में ले जाया गया था, वहीं एल्टन और फ्रेडी को 5 नवंबर के दिन अनुकूलन बड़े बाड़े में छोड़ा गया था। First Updated : Wednesday, 23 November 2022