बागेश्वर धाम के पीठाधीश धीरेंद्र शास्त्री की आलोचना पर बोले जगद्गुरु रामभद्राचार्य- हाथी चले बाजार, कुत्ते भौंके हजार
श्री बागेश्वर धाम के पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री द्वारा जो भी किया जा रहा है, वह शास्त्र सम्मत है। भगवान की कृपा से सब कुछ संभव है। हमेशा अच्छे काम पर ही सवाल उठाए जाते हैं। पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री पर सवाल उठाना ठीक उस कहावत की तरह है, हाथी चले बाजार, कुत्ते भौंकें हजार
श्री बागेश्वर धाम के पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री द्वारा जो भी किया जा रहा है, वह शास्त्र सम्मत है। भगवान की कृपा से सब कुछ संभव है। हमेशा अच्छे काम पर ही सवाल उठाए जाते हैं। पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री पर सवाल उठाना ठीक उस कहावत की तरह है, हाथी चले बाजार, कुत्ते भौंकें हजार। यह बात मंगलवार को पत्रकारों से चर्चा के दौरान जगद्गुरू रामभद्राचार्य महाराज ने कही।
पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री द्वारा अपने दरबार में चमत्कार करने का योगाचार्य बाबा रामदेव ने भी समर्थन किया है। उन्होंने कहा कि भगवान की कृपा से सब कुछ संभव है और मेरा शास्त्र ही मेरा चमत्कार है। उनका वो रास्ता है मेरा ये रास्ता है।
नागपुर की अंधश्रद्धा निर्मूलन समिति के श्याम मानव द्वारा पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री पर अंधविश्वास को बढ़ावा देने के आरोप पर रामभद्राचार्य महाराज ने कहा कि हर अच्छे काम पर सवाल उठाए जाते हैं। ये वैसा ही है कि हाथी चले बाजार, कुत्ते भौंकें हजार।
दिग्विजय पहले अपना परिवार तो संभाल लें -
बता दें कि पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के द्वारा सेना की सर्जिकल स्ट्राइक पर सरकार से सबूत मांगने के सवाल पर उन्होंने कहा कि दिग्विजय पहले अपना परिवार तो संभाल लें। उनका बेटा अपना अधिकार मांगता फिर रहा है। समाजवादी पार्टी के नेता स्वामी प्रसाद मौर्य द्वारा रामचरित मानस को बकवास बताए जाने पर महाराज ने कहा कि जो पागल हो जाता है, उसकी बात का कोई प्रमाण नहीं होता।
स्वामी प्रसाद मूर्ख हैं, वह पहले भाजपा में थे और वहां चुनाव हारने के बाद सपा में चले गए। उन्होंने कहा कि रामचरित मानस पूरी तरह प्रमाणित है। जिसको चर्चा करना है, मेरे पास आ जाए। रामचरित मानस के एक-एक अक्षर पर चर्चा करने के लिए मैं तैयार हूं।
भोपाल का क्या अर्थ है, भोजपाल होना चाहिए नाम -
बता दें कि रामभद्राचार्य महाराज ने भोपाल का नाम बदलने के मुद्दे पर कहा कि पुराने समय में मुसलमानों ने अपने हिसाब से शहर और कस्बों का नाम रख लिया था। जब फैजाबाद का नाम बदलकर अयोध्या हो सकता है और इलाहाबाद को बदलकर प्रयागराज किया जा सकता है, तो भोपाल का नाम भोजपाल क्यों नहीं हो सकता। भोपाल का तो कोई अर्थ भी नहीं होता।
आपको बता दें कि जन्म से दृष्टिबाधित संत जगद्गुरु रामभद्राचार्य महाराज बागेश्वर धाम के पीठाधीश धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के गुरु हैं। वर्तमान में वह भेल दशहरा मैदान में नौ दिवसीय श्रीराम कथा का वाचन करने राजधानी भोपाल पधारे हैं। कथा 31 जनवरी तक चलेगी।