जगमगाया मातेश्वरी मंदिर का दरबार 797 मनोकामना ज्योति कलश प्रज्वलित

जगमगाया मातेश्वरी मंदिर का दरबार 797 मनोकामना ज्योति कलश प्रज्वलित

Janbhawana Times
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रिपोर्टर- मोहित साहू (छिंदवाड़ा)

छिंदवाड़ा: अमरवाड़ा नवरात्रि के पावन अवसर पर देवी उपासना के नौ दिवसीय चैत्र नवरात्रि पर अमरवाड़ा स्थित विश्व प्रसिद्ध सिद्धपीठ मातेश्वरी मंदिर जगत देव माता मंदिर में भक्तों का तांता लग रहा है अल सुबह से ही जल चढ़ाने का सिलसिला जो प्रारंभ होता है वह भजन जस आरती कीर्तन के साथ अर्धरात्रि तक निरंतर चलता रहता है सुबह और शाम बैठकी पंचमी अष्टमी को महा आरती में हजारों की संख्या में श्रद्धालु गण उपस्थित हो रहे हैं। 

797 मनोकामना ज्योति कलश-

797 मनोकामना ज्योति कलश-प्रतिवर्षानुसार इस वर्ष भी श्रद्धालुओं द्वारा 797 मनोकामनाएं ज्योति कलश स्थापित किए गए हैं मातेश्वरी मंदिर में अमरवाड़ा नगर सहित आसपास के अन्य जिलों और अन्य प्रांतों के लोग भी आकर मनोकामना ज्योति कलश को स्थापित करते हैं।

पंचमी में आज हुई महाआरती-

नवरात्रि के पावन अवसर पर पांचवें दिवस पंचमी के दिन रात्रि में महाआरती का आयोजन किया  गया जिसमें हजारों की संख्या में श्रद्धालु ने आरती की वही अष्टमी को भी महाआरती पर पहुंचे पहुंचे आरती के बाद मंदिर में भजन का गायन होता है जिसमें व भजन संध्या मंडली  उनकी पूरी टीम मां जगत जननी जगदंबे की भजनों के माध्यम से आराधना देर रात तक करती रही।

आस्था का केंद्र माता दाई-लोगों का कहना है कि जो भी भक्त यहां माता रानी के दरबार में आता है वह कभी निराश होकर नहीं जाता है। सिद्ध पीठ जगदेव के मंदिर के साथ साथ देवी देवताओं कर्मा देवी शनि देव बजरंगबली के मंदिर में लोग मत्था टेकते हैं शक्तिपीठ खेड़ापति माता यहां पर हर दुखियों के दुख दूर करती है यहां जिले के बाहर दूसरे प्रांतों से भी भक्त गण आकर मनोकामनाएं पूर्ण होने पर कलश विराजते हैं यहां पर पूरे वर्ष भर दोनों समय आरती होती है।

आरती में हजारों की संख्या में रहते हैं श्रद्धालु-

प्रतिदिन होता है श्रृंगार-मंदिर के पुजारी लक्ष्मी भूरी यादव पंडा जो कि स्वर्गीय नारायण पंडा के सुपुत्र हैं इनका पूरा परिवार यहां माता रानी की सेवा करता है। पंडित जी ने बताया कि यहां माता रानी का प्रतिदिन श्रृंगार कर दिन के अनुसार माता का श्रृंगार किया जाता है नगर के साथ अन्न जिले के पहुंचते हैं मातेश्वरी मंदिर है।

अष्टमी पर हुई होगी महाआरती कन्या भोज की बनी रूप रेखा-

अष्टमी पर हवन पूजन व कन्या भोज के साथ होगी महाआरती-नवरात्रि के आठवें दिन अष्टमी को हवन एवं कन्या भोज भंडारा किया जाता है नगर के सभी वर्ग के लोग भाग लेते हैं उसके अगले दिन नवमी को विसर्जन पर भव्य विसर्जन जुलूस शोभायात्रा निकाली जाती है।

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03 October 2022, 08:44 PM IST

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