J&K: भूकंप ने जम्मू-कश्मीर को हिलाया... किश्तवाड़ में 2.4 तीव्रता, घरों से बाहर निकले लोग
जम्मू-कश्मीर में आज सुबह भूकंप के झटके महसूस हुए जिससे लोग डर के मारे घरों से बाहर निकल आए. किश्तवाड़ जिले में 2.4 तीव्रता का भूकंप आया. इस दौरान अफगानिस्तान और बांग्लादेश में भी भूकंप के झटके महसूस किए गए. जानिए पूरी जानकारी.

Jammu & Kashmir Earthquake: आज सुबह जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ जिले में 2.4 तीव्रता के भूकंप के झटके महसूस हुए. यह भूकंप लोगों के लिए खौफनाक था और जैसे ही झटके महसूस हुए लोग अपने घरों से बाहर आ गए. राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र (एनसीएस) के अनुसार, यह भूकंप 5:14 बजे आया था और इसकी गहराई 5 किलोमीटर बताई गई है. भूकंप का केंद्र किश्तवाड़ जिले के अक्षांश 33.18 एन और देशांतर 75.89 ई पर था.
आस-पास के देशों में भी महसूस किए गए भूकंप के झटके
जम्मू-कश्मीर के अलावा, भूकंप के झटके अफगानिस्तान और बांग्लादेश में भी महसूस किए गए. अफगानिस्तान में 5.9 तीव्रता का भूकंप आया, जबकि बांग्लादेश में 2.9 तीव्रता के कमज़ोर झटके महसूस किए गए. इन देशों में भी लोगों में दहशत फैल गई और सुरक्षा की दृष्टि से लोग बाहर आ गए.
अफगानिस्तान में प्राकृतिक आपदाओं की संवेदनशीलता
अफगानिस्तान, जो पहले से ही प्राकृतिक आपदाओं से जूझ रहा है, अब भी भूकंप की चपेट में है. संयुक्त राष्ट्र कार्यालय (UNOCHA) ने बताया कि अफगानिस्तान में लगातार आने वाले भूकंपों से कमजोर समुदाय प्रभावित होते हैं. यह देश पहले ही संघर्ष, बाढ़, भूस्खलन और अविकसितता जैसी समस्याओं से जूझ रहा है. यहां के लोग भूकंप जैसे प्राकृतिक संकटों का सामना करने के लिए पूरी तरह तैयार नहीं होते, क्योंकि वे पहले से कई मुसीबतों से जूझ रहे हैं.
हिंदू कुश पर्वत में भूकंप की सक्रियता
रेड क्रॉस के अनुसार, अफगानिस्तान में भूकंपों का इतिहास है. हिंदू कुश पर्वत श्रृंखला भूगर्भीय रूप से एक सक्रिय क्षेत्र है, जहां हर साल भूकंप आते हैं. यह क्षेत्र भारतीय और यूरेशियन टेक्टोनिक प्लेटों के बीच स्थित है, और यहां की कई फॉल्ट लाइनों पर भूकंप आते रहते हैं.
अंतर्राष्ट्रीय सहयोग की आवश्यकता
इस भूकंप के झटके ने एक बार फिर यह सिद्ध कर दिया कि प्राकृतिक आपदाओं से बचने और उनके प्रभावों को कम करने के लिए अधिक अंतर्राष्ट्रीय सहयोग की आवश्यकता है. अफगानिस्तान और बांग्लादेश में भूकंप के झटके आने के बाद, इन देशों के लिए राहत कार्य और पुनर्निर्माण की प्रक्रिया में सहयोग बढ़ाने की आवश्यकता है.
इस भूकंप ने यह भी बताया कि प्राकृतिक आपदाओं से बचाव और तैयारियों की आवश्यकता पहले से कहीं अधिक महसूस होती है, ताकि इन आपदाओं से होने वाली तबाही को कम किया जा सके.
जम्मू-कश्मीर, अफगानिस्तान और बांग्लादेश में आए भूकंप ने लोगों को दहशत में डाल दिया. जम्मू-कश्मीर में तो लोग घरों से बाहर निकल आए, जबकि अफगानिस्तान में भूकंप की तीव्रता काफी अधिक रही. इन घटनाओं से यह संदेश मिला है कि प्राकृतिक आपदाओं से निपटने के लिए हमें अधिक तैयार रहना होगा और सभी प्रभावित देशों को सहायता प्रदान करने के लिए हमें अंतर्राष्ट्रीय प्रयासों को बढ़ाना होगा.