झारखंड चुनाव: बीजेपी का 'रोटी, बेटी और माटी' संकल्प, आदिवासी समुदाय की सुरक्षा की चुनौती!
झारखंड विधानसभा चुनाव 2024 की तैयारियों में बीजेपी ने 'रोटी, बेटी और माटी' का बड़ा नारा दिया है, जो आदिवासी समुदायों की सुरक्षा और अधिकारों की रक्षा पर केंद्रित है. पार्टी का कहना है कि बांग्लादेशी घुसपैठियों की बढ़ती संख्या और महिलाओं के खिलाफ बढ़ते अपराध झारखंड के लिए गंभीर खतरा बन गए हैं. क्या हेमंत सोरेन की सरकार इन समस्याओं का समाधान कर पाएगी? बीजेपी का संकल्प है कि सत्ता में आते ही वो इन मुद्दों पर ठोस कार्रवाई करेगी. जानें, इस चुनावी महासंग्राम में क्या है आगे!
Jharkhand Elections: झारखंड में विधानसभा चुनावों की तैयारी के बीच भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने 'रोटी, बेटी और माटी' को बचाने का बड़ा संकल्प लिया है. यह संकल्प खासतौर पर आदिवासी समुदायों की सुरक्षा और उनके अधिकारों के लिए है. हेमंत सोरेन की सरकार पर आरोप है कि वह इस दिशा में कोई ठोस कदम नहीं उठा रही है, जिससे आदिवासी लोगों की जिंदगी और उनकी जमीनों पर खतरा मंडरा रहा है.
बांग्लादेशी घुसपैठ का बढ़ता खतरा
भाजपा का कहना है कि झारखंड में बांग्लादेशी और रोहिंग्या घुसपैठियों की संख्या तेजी से बढ़ रही है, जो आदिवासी लड़कियों से शादी करके उनकी जमीनों पर कब्जा कर रहे हैं. यह स्थिति न केवल उनके रोजगार के अवसरों को प्रभावित कर रही है बल्कि आदिवासी संस्कृति को भी खतरे में डाल रही है. भाजपा का कहना है कि राज्य की मिट्टी (माटी), महिलाओं (बेटी) और रोजगार (रोटी) को सुरक्षित करना उनका प्राथमिक लक्ष्य है.
शिवराज सिंह चौहान की परिवर्तन यात्रा
झारखंड चुनाव प्रभारी शिवराज सिंह चौहान ने परिवर्तन यात्रा के दौरान कहा, 'आगामी विधानसभा चुनाव 'बेटी, रोटी और माटी' की सुरक्षा का चुनाव है. झारखंड की महिलाएं मिट्टी की पोटलियां लेकर आई हैं, यह दर्शाते हुए कि यहां की माटी, बेटियां और रोजगार संकट में हैं.'
झारखंड की बहनें अलग-अलग पोटली में मिट्टी लेकर आई हैं और कह रही हैं कि यहां माटी, बेटी और रोटी सुरक्षित नहीं है।
— Shivraj Singh Chouhan (@ChouhanShivraj) September 23, 2024
मैं भारतीय जनता पार्टी की ओर से वचन देता हूं कि झारखंड में माटी, बेटी और रोटी की सुरक्षा हम करेंगे। pic.twitter.com/GqSTKJVW7n
चौहान ने आगे बताया, 'झारखंड की माताएं और बहनें चिंता जताते हुए कह रही हैं कि माटी का मतलब है विदेशी घुसपैठ, बेटी का मतलब है असुरक्षित महिलाएं और रोटी का मतलब है बेरोजगारी. वे हमें अपील कर रही हैं कि हम इन समस्याओं को बचाएं. मैं उन्हें विश्वास दिलाता हूं कि भाजपा माटी, बेटी और रोटी की रक्षा करेगी. हमारा संकल्प है कि हम रोजगार भी देंगे और घुसपैठियों को यहां जगह नहीं देंगे.'
बहनों और भाइयों,
— Shivraj Singh Chouhan (@ChouhanShivraj) September 23, 2024
सोरेन सरकार झारखंड में घुसपैठ करा रही है। घुसपैठिये रोजगार छीनने का काम कर रहे हैं, हमारी रोटी खतरे में है।
मैं आपसे कहना चाहता हूं कि झारखंड की माटी, बेटी और रोटी को सुरक्षित भारतीय जनता पार्टी की सरकार ही करेगी। pic.twitter.com/wNYdb9J6bZ
महिलाओं की सुरक्षा पर सवाल
महिलाओं की सुरक्षा भी एक गंभीर मुद्दा बन गई है. झारखंड में महिलाओं के खिलाफ अपराधों में लगातार बढ़ोतरी हो रही है. रिपोर्ट्स के अनुसार, 2020 से 2022 के बीच इन अपराधों में 30% की वृद्धि हुई है. खासकर आदिवासी महिलाएं इस खतरे का सबसे अधिक सामना कर रही हैं. भाजपा का वादा है कि वह सत्ता में आते ही महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करेगी और उन्हें रोजगार के बेहतर अवसर प्रदान करेगी.
बेरोजगारी का गंभीर संकट
झारखंड में बेरोजगारी की समस्या भी विकराल रूप ले चुकी है. राज्य में बेरोजगारी दर लगभग 12% तक पहुंच गई है, जो कि राष्ट्रीय औसत से काफी अधिक है. भाजपा ने स्पष्ट किया है कि वह सत्ता में आते ही रोजगार के अवसर बढ़ाने पर ध्यान देगी.
हेमंत सरकार की नाकामियां
हेमंत सोरेन की सरकार पर यह आरोप है कि वह इन गंभीर मुद्दों पर चुप है और सही तरीके से कोई कार्रवाई नहीं कर रही है. राज्य की स्थिति को लेकर कई सवाल उठ रहे हैं और भाजपा ने वादा किया है कि वह सत्ता में आते ही इन समस्याओं का समाधान करेगी.
एक नई आशा की किरण है
BJP का 'रोटी, बेटी और माटी' का संकल्प झारखंड के लोगों के लिए एक नई आशा की किरण है. अगर भाजपा अपने वादों को पूरा करती है, तो यह न केवल आदिवासी समुदायों के लिए बल्कि पूरे राज्य के विकास में मददगार साबित हो सकता है.
हेमंत सोरेन की सरकार के लिए यह चुनाव एक बड़ा चुनौती बन गया है और भाजपा ने अपनी रणनीतियों के जरिए आदिवासी लोगों के बीच अपनी पकड़ मजबूत करने का प्रयास किया है. झारखंड की जनता अब इस चुनाव में यह देखेगी कि कौन सी पार्टी उनके मुद्दों को सही तरीके से उठाती है और उन्हें वास्तविक सुरक्षा और अवसर प्रदान करती है.