विवादित गानों के लिए मशहूर कन्हैया मित्तल फिर सुर्खियों में, योगी का नारा बटेंगे तो कटेंगे बनाया सियासी गीत

कन्हैया मित्तल का नया गाना बटेंगे तो कटेंगे चर्चा का विषय बन गया है. इस गाने में उन्होंने योगी आदित्यनाथ के नारे का इस्तेमाल किया है, जो राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा रहा है. कन्हैया पहले भी विवादित गाने गा चुके हैं और इस बार भी उनका गाना सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है. क्या यह गाना सिर्फ मस्ती के लिए है या फिर राजनीति में कोई बड़ा संदेश छिपा है जानें पूरी कहानी और कन्हैया की संगीत यात्रा के बारे में.

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Yogi Slogan: योगी जी का नारा 'बटेंगे तो कटेंगे' अभी तक तो सियासी गलियारों में गूंज रहा था लेकिन कन्हैया मित्तल, जो कि अपने गानों की वजह से हमेशा सुर्खियां बटोरते है, उन्होंने इस नारे को गीत में पिरो दिया है, उन्होंने एक नया गाना 'बटेंगे तो कटेंगे' गाकर राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा दी है. यह गाना खासकर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नारे पर आधारित है और अब महाराष्ट्र में भी धूम मचा रहा है.

कन्हैया का यह गाना सिर्फ मनोरंजन नहीं, बल्कि राजनीतिक संदेश भी देता है. वह पहले भी विवादित गाने गा चुके हैं, जैसे जो 'राम को लाएं हैं हम उनको...' जो कि हिंदू धर्म को लेकर था. उनके गाने अक्सर राजनीति में गर्मागर्मी पैदा करते हैं. उनके गाने ने एक बार फिर से सुर्खियां बटोर कर चर्चा का विषय बना दिया है.

लोगों की प्रतिक्रिया

कन्हैया का यह गाना सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है. लोग उनकी प्रस्तुति की तारीफ कर रहे हैं और गाने के बोल को लेकर चर्चा कर रहे हैं. यह गाना न केवल उनके प्रशंसकों को पसंद आ रहा है, बल्कि इसे एक राजनीतिक बयान के रूप में भी देखा जा रहा है. कई लोग इसे विपक्ष को चिढ़ाने वाला मान रहे हैं. उनके इस गाने में सनातन धर्म को मजबूती से पेश करते हुए छत्रपती शिवाजी महाराज और प्रभु श्री राम के प्रति कृतज्ञता को दर्शाया गया है. जो सभी सनतानियों को पसंद आ रहा है.

सामाजिक और राजनीतिक प्रभाव

कन्हैया मित्तल का गाना राजनीतिक जलसों में हलचल पैदा कर रहा है. उनके बोल में एक तरह की चुनौती और अराजकता का संकेत है, जिससे राजनीतिक स्थिति में बदलाव की संभावनाएं बढ़ जाती हैं. इस गाने ने कई लोगों को सोचने पर मजबूर कर दिया है कि क्या यह महज एक गाना है या फिर एक गंभीर राजनीतिक रणनीति का हिस्सा है.

आगे की राह

कन्हैया के इस गाने के बाद राजनीतिक समीक्षकों का कहना है कि ऐसे गाने चुनावों में प्रभाव डाल सकते हैं. खासकर जब आगामी चुनावों का माहौल गर्म हो रहा है, ऐसे में कन्हैया का यह गाना एक बड़ा मुद्दा बन सकता है. उनकी संगीत की ताकत को देखते हुए, यह कहना गलत नहीं होगा कि उन्होंने बीजेपी पर अपने तरीके से 'कर्ज' चुकाया है. 

कन्हैया का यह गाना न केवल मनोरंजन का साधन है, बल्कि यह भारतीय राजनीति की धारा को भी प्रभावित करने की क्षमता रखता है. देखते हैं आगे इस गाने का राजनीतिक फलक पर क्या असर होता है.  First Updated : Sunday, 27 October 2024