कर्नाटक हाईकोर्ट ने ED की कार्रवाई को चुनौती देती शिओमी की याचिका पर फैसला सुरक्षित रखा
कर्नाटक हाईकोर्ट ने प्रवर्तन निदेशालय (ED) की कार्रवाई के खिलाफ चीन की टेक कंपनी शिओमी की याचिका पर अपना फैसला सुरक्षित रखा है। ईडी ने शिओमी के बैंक खातों से 5,551.27 करोड़ रुपये जब्त किये हैं। शिओमी
कर्नाटक हाईकोर्ट ने प्रवर्तन निदेशालय (ED) की कार्रवाई के खिलाफ चीन की टेक कंपनी शिओमी की याचिका पर अपना फैसला सुरक्षित रखा है। ईडी ने शिओमी के बैंक खातों से 5,551.27 करोड़ रुपये जब्त किये हैं। शिओमी पर विदेशी विनिमय प्रबंधन अधिनियम (फेमा) के प्रावधानों का उल्लंघन करने का आरोप है। जस्टिस एस जी पंडित की अगुवाई वाली पीठ ने बुधवार को शिओमी की याचिका पर अपना फैसला सुरक्षित रखा।शिओमी इंडिया के वकीलों एस गणेशन और साजन पूवैया ने दलील दी कि अन्य कंपनियों को प्रौद्योगिकी रॉयल्टी के भुगतान की अनुमति दी गई है लेकिन चीन की कंपनी होने के कारण शिओमी पर निशाना साधा जा रहा है। उन्होंने अदालत को बताया कि बैंक आयात के लिए कंपनी को विदेशी मुद्रा में भुगतान नहीं करने दे रहे हैं।
उन्होंने कहा कि स्मार्टफोन के निर्माण और विपणन के लिए शिओमी को विदेशी कंपनियों को भुगतान करने की जरूरत है। ईडी के वकील अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एम बी नारगुंड ने कहा कि प्रशासन से इससे कोई शिकायत नहीं है अगर शिओमी जब्त राशि को बैंक में रखे और शेष राशि का उपयोग करे। उन्होंने अदालत को बताया कि शिओमी के बैंक खाते जब्त करने के ईडी के आदेश से पहले 24 और 29 अप्रैल को कंपनी के बैंक खातों से 1,500 करोड़ रुपये हस्तांतरित किये गये। शिओमी का कहना है कि तीन विदेशी कंपनियों को किया गया रॉयल्टी भुगतान आयकर विभाग के मूल्य संवर्धित गतिविधि में शामिल है। इस भुगतान से फेमा के प्रावधानों का उल्लंघन नहीं होता है।