Kedarnath Cloudburst: बीते बुधवार को केदारनाथ में हुई अतिवृष्टि के बाद राहत बचाव कार्य जारी है. रेस्क्यू के चौथे दिन सेना की मदद ली गई है. जिसके बाद सेना के जवान रेस्क्यू अभियान में जुट गए हैं. वहीं प्रशासन की टीम भी राहत बचाव कार्य में लगी हुई है. इस बीच एक ऐसी खबर सामने आई जो सभी को हैरान कर रही है. यहां मलबे में 18 घंटे दबे रहने के बाद भी एक शख्स जिंदा निकला है. शख्स 18 घंटे तक मलबा के नीचे दबे रहने के बाद भी हिम्मत नहीं हारी,और मदद के लिए चिल्लाता रहा.
चमोली जनपद के घाट निवासी गिरीश चमोली केदारनाथ धाम में गत बुधवार को हुई अतिवृष्टि में केदारनाथ पैदल मार्ग पर थारू कैंप के पास मलबा आने से बोल्डर व मिट्टी में दब गया था. वह यहां पर अपनी दुकान चलाकर रोजगार करता था. पूरी रात बोल्डर के नीचे दबा रहा लेकिन एसडीआरफ की टीम ने उसे बाहर निकाल लिया है.
शुक्रवार सुबह एसडीआरफ के जवान जब रेस्क्यू अभियान कर रहे थे तभी गिरश के चिल्लाने की आवाज सुनी है. जिसके बाद उसे बचाने के बोल्डरों को तोड़ने का काम शुरू किया गया. लगभग नौ घंटे के मशक्कत के बाद गिरश को एसडीआरफ की टीम निकालने में सफल रही. बाहर निकलने के बाद गिरीश ने बताया कि, बुधवार का शाम तेज बारिश के बाद बादल फटा, तेज आवाज आने पर वह अपने घोड़े को बचाने के लिए दुकान से अपने स्थाई निवास की ओर जा रहा था. इसी दौरान पहाड़ी से आ रहे बोल्डरों में दब गया. बताया कि उसका पूरा शरीर बोल्डरों के नीचे दब गया, हालांकि सांस लेने में दिक्कत नहीं हुई. उन्होंने कहा वह यह रात कभी नहीं भूल पाएंगे.
31 जुलाई को हुए आपदा में कई परिवार के लोगों की जान चली गई. आपदा प्रबंधन विभाग के मुताबिक, इस आपदा में 15 लोगों की मृत्यु हुई. आपदा प्रबंधन विभाग के मुताबिक 31 जुलाई की अतिवृष्टि में 15 लोगों की मृत्यु हुई है. देहरादून में 1 अगस्त को सहस्त्रधारा में नहाने के दौरान पैर फिसलने से 2 लोगों की मौत हुई, जिसे मानवीय भूल दर्ज किया गया है. भारी बारिश से आई आपदा में कुल 17 यात्रियों की मृत्यु हुई है. वहीं अलग-अलग स्थानों पर हुए हादसों में 10 लोग घायल हुए और 1 अभी भी लापता है.
First Updated : Sunday, 04 August 2024