पढ़ाई में नंबर-1 कहलाने वाला केरल आखिर क्यों बेरोजगारी में निकल गया सबसे आगे, सामने आएं चौकाने वाले आंकड़े
Kerela: केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने केरल की बेरोजगारी दर पर चिंता जताई है, जहां 15-29 साल के युवाओं में यह 29.9% तक पहुंच गई है. जबकि राज्य का लिट्रेसी रेट सबसे ऊंचा है. उन्होंने विपक्ष शासित राज्यों की नीतियों पर सवाल उठाते हुए कहा कि वहां भ्रष्टाचार और कुप्रबंधन बेरोजगारी को बढ़ा रहे हैं. बीजेपी शासित राज्यों की तुलना में यह स्थिति काफी चिंताजनक है. क्या केरल अपने युवाओं का भविष्य सुधार सकेगा? पढ़ें पूरी खबर में.
Kerela: केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने हाल ही में केरल का उदाहरण देते हुए एक चौंकाने वाला आंकड़ा प्रस्तुत किया है. केरल, जहां लिट्रेसी रेट देश में सबसे ऊंचा माना जाता है, वहां युवाओं के बीच बेरोजगारी दर 29.9% तक पहुंच गई है. यह स्थिति उस वक्त आई है जब अन्य राज्यों में रोजगार सृजन की कोशिशें जारी हैं. जिसके बाद सभी के मन में एक ही सवाल उमड़ रहा है कि आखिर इस बढ़ती बेरोजगारी का क्या है कारण.
क्यों बढ़ रही है बेरोजगारी?
धर्मेंद्र प्रधान ने यह बात एक पीरियोडिक लेबर फोर्स सर्वे (PLFS) के आधार पर कही है, जिसमें यह स्पष्ट हुआ है कि खासतौर पर 15-29 आयु वर्ग में बेरोजगारी की समस्या गंभीर है. केरल में महिलाओं की बेरोजगारी दर 47.1% है, जो एक चिंता का विषय है. उन्होंने कहा, 'युवाओं, खासकर युवतियों के भविष्य के साथ खिलवाड़ हो रहा है.'
विपक्ष शासित राज्यों की नीतियों पर सवाल
प्रधान ने विपक्ष शासित राज्यों की नीतियों को भी आड़े हाथों लिया. उनका कहना था कि ये सरकारें अल्पकालिक लोकलुभावन वादों पर ज्यादा ध्यान देती हैं, जबकि स्थायी आर्थिक विकास पर कम. उनका आरोप है कि इन राज्यों में भ्रष्टाचार और कुप्रबंधन ने बेरोजगारी की समस्या को बढ़ाया है.
“These governments are not just incompetent—they’re dangerous,” Union Min. @dpradhanbjp slams opposition-ruled states for 'betraying' their youth with rising unemployment.
— narendramodi_in (@narendramodi_in) September 26, 2024
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बीजेपी शासित राज्यों की सफलता
धर्मेंद्र प्रधान ने यह भी बताया कि बीजेपी शासित राज्यों में बेरोजगारी की दर काफी कम है. जैसे मध्य प्रदेश में यह 2.6% और गुजरात में 3.3% है. उन्होंने कहा कि ये राज्य स्थिर शासन और मजबूत वित्तीय नीतियों के कारण बेहतर प्रदर्शन कर रहे हैं.
धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि बीजेपी लगातार युवाओं को सशक्त करने और रोजगार सृजन की दिशा में काम कर रही है, जबकि विपक्ष कुप्रबंधन और अधूरे वादों में उलझा हुआ है. उनके अनुसार, अगर राज्यों को अपनी नीतियों में सुधार नहीं किया गया तो बेरोजगारी का यह संकट और गहरा हो सकता है.
आगे का रास्ता
केरल जैसे विकसित राज्यों में भी बेरोजगारी की गंभीर समस्या है, जो यह दर्शाती है कि शिक्षा के स्तर के साथ-साथ रोजगार के अवसर भी काफी महत्वपूर्ण हैं. नेताओं को इस विषय पर गंभीरता से विचार करना होगा, ताकि युवा पीढ़ी के भविष्य को सुरक्षित किया जा सके.