KK Pathak is Back... बिहार में फर्जी जमाबंदी और लंबित नीलामी मामलों पर ताबड़तोड़ एक्शन, अब तुरंत वारंट जारी होंगे!

बिहार के राजस्व पर्षद अध्यक्ष केके पाठक ने फर्जी जमाबंदी और लंबित नीलामी मामलों को लेकर ताबड़तोड़ एक्शन लिया है. भोजपुर जिले में 15,000 से ज्यादा नीलाम वादों के निपटारे के लिए सख्त आदेश दिए गए हैं. इसके साथ ही सरकारी जमीन की फर्जी जमाबंदी पर भी कार्रवाई का निर्देश दिया गया. केके पाठक ने अधिकारियों को स्कैनिंग कार्य और अभिलेखागार में सुधार के लिए भी आदेश दिए हैं. जानिए पूरी जानकारी और केके पाठक के कड़े कदमों के बारे में.

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Edited By: Aprajita

Bihar News: बिहार में राजस्व पर्षद के अध्यक्ष केके पाठक ने एक बार फिर से सख्त कदम उठाने शुरू कर दिए हैं. उन्होंने फर्जी जमाबंदी और लंबित नीलामी मामलों को निपटाने के लिए ताबड़तोड़ एक्शन लेने का निर्देश दिया है. भोजपुर जिले के अधिकारियों को विशेष रूप से नीलामी वादों के शीघ्र निपटारे की जिम्मेदारी दी गई है.

15,000 से ज्यादा नीलाम वादों का कड़ा निर्देश

केके पाठक ने भोजपुर जिले में 15,000 से अधिक नीलाम वादों के शीघ्र निपटारे का आदेश दिया है. समीक्षा के दौरान यह सामने आया कि जिले में 41 केंद्र संचालित हैं, जिनमें 15,552 नीलाम वाद लंबित हैं. इन वादों से जुड़ी राशि लगभग 440 करोड़ रुपये की है. इनमें से अब तक 13,277 वादों में भारतीय भू-राजस्व संहिता की धारा सात के तहत नोटिस जारी किए जा चुके हैं.

वसूली के लिए सख्त कदम

पिछले कुछ महीनों में वसूली के प्रयास भी तेज किए गए हैं. फरवरी में 324 वादों का निष्पादन कर 25.34 करोड़ रुपये की वसूली की गई थी. वहीं, मार्च में 178 वादों के निष्पादन से 6.61 करोड़ रुपये की वसूली हुई. केके पाठक ने निर्देश दिया कि बाकी बचें हुए वादों में शीघ्र नोटिस जारी किए जाएं और अगर 15 दिनों में भुगतान नहीं होता, तो बॉडी वारंट जारी किया जाए.

सख्त कार्रवाई का आदेश

केके पाठक ने एसपी को निर्देश दिया कि वे डीएसपी (मुख्यालय) और सभी अनुमंडल पुलिस अधिकारियों के माध्यम से वारंटों का प्रभावी क्रियान्वयन कराएं और जिन लोगों पर वारंट जारी हों, उन्हें गिरफ्तार कर अदालत में पेश करें. इसके अलावा, बड़हरा अंचल में सरकारी जमीन की फर्जी जमाबंदी मामले में तुरंत कार्रवाई करने का भी आदेश दिया गया है.

अभिलेखागार की व्यवस्था को बेहतर बनाने के निर्देश

इसके साथ ही, केके पाठक ने जिला अभिलेखागार कार्यालय का निरीक्षण करते हुए साफ-सफाई व्यवस्था को बेहतर बनाने का निर्देश दिया. उन्होंने अतिरिक्त सफाईकर्मियों की तैनाती करने की बात कही और स्कैनिंग कार्य में संलग्न एजेंसी को दस्तावेजों के साथ मेटा डाटा इंट्री करने के निर्देश दिए.

आम नागरिकों के लिए आसान पहुंच

उन्होंने कहा कि सभी दस्तावेजों में खाताधारी का नाम अनिवार्य रूप से दर्ज होना चाहिए ताकि नागरिकों को ऑनलाइन पोर्टल पर अपने दस्तावेज आसानी से मिल सकें. बिहार में राजस्व पर्षद के अध्यक्ष केके पाठक ने अब तक जो कदम उठाए हैं, उनसे यह साफ है कि वे किसी भी प्रकार की गड़बड़ी और भ्रष्टाचार को बर्दाश्त नहीं करेंगे. फर्जी जमाबंदी, लंबित नीलाम वादों और अभिलेखागार में सुधार को लेकर उनकी कार्रवाई राज्य में सुधार की नई उम्मीद पैदा करती है.

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10 April 2025, 12:13 PM IST

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